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कुशीनगर में आज तक नही बनी कोई महिला सांसद


टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर । भैतिकता बादी इस युग में जहां महिलाएं अपने हुनर और काबलियत से देश ही नही पूरे विश्व को प्रभावित कर रही है। वही इनसे राजनीति भी अछुता नही है।
चाहे वो विज्ञान और सूचना तकनीक हो खेल का मैदान या फिर देश की राजनीति हर जगह हर क्षेत्र में महिलाएं का ही ढंका बज रहा है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी जैसी कई महिलाएं हैं जिनका उदाहरण देते हुए लोगों को गर्व होता है।
अफशोस है कि देश हो या प्रदेश की सारी राजनीति पर अपनी मुहर लगाने वाली कुशीनगर की किसी महिला को राजनीति के क्षेत्र में कोई ख्याति नही मिल सकी। कुशीनगर (पडरौना) संसदीय क्षेत्र में वर्ष 1952 से आज तक किसी महिला को सांसद के चुने जाने की बात तो दूर, चुनाव लड़ने में भी महिलाओं ने या तो रुचि नहीं ली अथवा उन्हें अवसर ही नहीं मिला। अब तक के लोकसभा चुनावों में महज तीन महिला प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतरने का मौका मिला है।
वर्ष 2011 की जनगणना को आधार माना जाए तो 2891.67 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस जिले की कुल आबादी 3564544 है, जिसमें 1818055 पुरुष और 1746489 महिलाएं हैं। इस जिले में भी महिलाओं ने हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़े हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में आज तक पुरुष उम्मीदवार ही सांसद चुने जाते रहे हैं।
एक वार ही नही तीन बार कांग्रेस ने कुशीनगर की महिलाओं राजनीति में उतारने की पहल की । जिसमें शशि शर्मा और रानी मोहिनी देवी समेत मालती पांडेय के नाम आते है। इन महिलाओं को छोड़ 1952 से किसी राजनीतिक दल ने किसी महिला को प्रत्याशी बनाना मुनासिव नही समझा।
16वें लोकसभा के लिए कुशीनगर में 12 मई को मतदान होने है। इसबार भी कुशीनगर सांसदीय सीट पर चुनाव लड़े रहे 14 प्रत्याशियों किसी महिला को प्रत्याशी नही बनाया गया है। यही वजह है कि महिलाओें की आवाज उठाने के लिए इस संसदीय सीट से आज तक कोई महिला सांसद नहीं बन पाई।

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