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बाढ़ रोकने के पूर्व ही सीमा विवाद में उलझे विभाग

    नदी के कटान से दर्जनों गांव का अस्तीत्व खतरे में, ग्रामीण हताश
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नरायणी की कटान को रोकने व राहत देने के पूर्व ही क्षेत्र की सीमाओं के निर्धारण कि समस्या उत्पन्न हो गयी है। इधर नदी ने इलाके के दर्जनों पूरवों को अपने आगोश में लेने के लिए बड़ी तेजी से भंगी टोला सामने कटान करना शुरू कर दिया है।

बताते चले कि कुशीनगर जनपद प्रत्येक बर्ष नारायणी के कहर से प्रभावित होता है। दर्जनों गांव हर साल अपनी सीमांओं के साथ नदी के आगोश में समा जाते है। सेवरही विकास खण्ड के पिपराघाट गांव में दो तटबन्ध है। नरवाजोत और अहिरौलीदान-पिपराघाट(एपी) तटबन्ध का कुछ हिस्सा विहार प्रान्त में आता है। इन दोनों बन्धों के बीच में एक गैप है। जहां से एक रास्ता बांसी नदी को पार करके एपी तटबन्ध तक जाता है। यह रास्ता कुछ दूर तक कच्चा है, और बाकी रास्ता पक्का हो गया है। जिसपर दो साल पहले एक पक्के पुल का निमार्ण भी कराया गया था।

नदी के बढ़ते कटान के कारण ही इस रास्तें को लेकर लोक निमार्ण और बाढ़ खण्ड दोनों विभाग में विवाद है। एक तरफ बाढ़ खण्ड विभाग कह रहा है कि आम रास्ते की मरम्मत व रखरखाव की जिम्मेदारी लोक निमार्ण विभाग की है और इस विभाग का मानना है कि नदी और उसके सम्भावित खतरों से बचाव की जिम्मेदारी बाढ़ खण्ड विभाग की है। बर्षो से दबा हुआ यह विवाद नदी के कटान के साथ ही फिर से शुरू हो गया है। दोनों बन्धों के बीच नारायणी ने कटान शुरू कर दिया है जिससें पिपराघाट के साथ दर्जनों पूरवों में नरवाजोत, दहारी टोला, तेजू टोला, गोबर्धन टोला, देवनरायण टोला, तवक्कल टोला, शिव टोला, मोती टोला, बुटन टोला और हनुमान टोला आदि प्रमुख पुरवों पर बाढ़ का खतरा मड़राने लगा है।

यहां स्थित ऐसी है कि बंधा न होने से यहां आबादी और नदी के बीच ज्यादे का अन्तराल नही है। जमीन का स्तर नदी के जल स्तर के समान होने के चलते हर साल बाढ़ का पानी इन पुरवों में घूस जाता है। यही बांसी नदी भी नारायणी में आकर मिल जाती है। जिससे बरसात के दिनों में यह पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है।
इस सम्बन्ध में तमकुहीराज के विधायक अजय कुमार लल्लू ने बताया कि इस समस्या से निजात पाने के लिए हमारे साथ चार सदस्यो का एक प्रतिनिधि मण्डल सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव से मिलने वाला है। उसके बाद आगे की रणनीति बनायी जायेगी।

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