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कुशीनगर में मनायी गयी 2558 वीं त्रिविध पावनी बुद्ध जयन्ती

टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर । 2558 त्रिविध पावन बुद्ध जयन्ती महापरिनिवार्ण स्थली कुशीनगर में धूम-धाम से मनायी गयी। बौद्ध श्रद्धालुओं ने 12 किलोमीटर लम्बी शोभा यात्रा निकाली और मुख्य मन्दिर जाकर विशेष पुजा अर्चना की। विश्व शान्ति और मानवता के कल्याण के लिए प्रत्येक बर्ष यह त्रिविध पावनी बुद्ध जयन्ती कुशीनगर में मनायी जाती है। यह 2558 वीं जयन्ती थी। इसके पवित्रता का आशय से इसी से लगाया जा सकता है कि भगवान बुद्ध ने बैशाख पूर्णिमा के ही दिन जन्म लिया, फिर प्रथम ज्ञान इसी बैशाख पूर्णिमा को प्राप्त किया। अन्त के क्षणों में भगवान बुद्ध ने कुशीनगर में ही इसी बैशाख पूर्णिमा को महापरिनिवार्ण प्राप्त किया।
बुधवार की सुबह शुरू हुयी इस शोभा यात्रा में थाई, वर्मा, कोरियाई व श्रीलंकाई कलाकारों ने भाग लिया। यह शोभा यात्रा कुशीनगर के मुख्य मन्दिर चल कर कसया नगर पहुचीं और वहां से देवरिया रोड होते हुए रामाभार स्तूप उसके बाद माथा कुवर पहुची। इसके पूर्व बौद्ध श्रद्धालुओं ने मुख्य मन्दिर पर जाकर विशेष पुजा अर्चना की और चीवर दान किया। इस अवसर पर कुशीनगर में सुवह से कार्यक्रमों का तांता लगा रहा। कही गोष्ठी तो कही कही जादू के खेल के आयोजन होते देखे गयें।
त्रिविध पावनी इस बौद्ध जयन्ती पर सभी मांक, जिलाधिकारी कुशीनगर लोकश एम व थाई, कोरियन, श्रीलंकाई, जपानी पर्यटको सहित कई देशों के साथ भारी संख्या में देशी पर्यटक उपस्थित रहे। इस सम्बन्ध में बौद्ध भिक्षु भदन्त ज्ञानेश्वर बतातें है कि विश्व शान्ति और मानवता के कल्याण के लिए प्रत्येक बर्ष यह त्रिविध पावनी बुद्ध जयन्ती कुशीनगर में मनायी जाती है। इसके त्रिविध का अर्थ है कि भगवान बुद्ध ने बैशाख पूर्णिमा के ही दिन जन्म लिया, प्रथम ज्ञान और महापरिनिवार्ण प्राप्त किया।

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