आज भी असुरक्षित है भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर । भगवान बुद्ध की परिनिवार्णस्थली कुशीनगर आज भी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही है। रात के अन्धेरे में यह इलाका हर रोज उजाले की तलाश करता है ।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सुरक्षा की दृष्टि से महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर और परिसर को जगमग करने की योजना बनायी थी। वह आज भी परवान नही चढ़ी। रात के अन्धेरे में महापरिनिवार्ण क्षेत्र में पसरा आज भी अपने सुरक्षा को लेकर चिगाढ़ मारता है। एक ही लाइट के सहारे पूरी रात काटने वाला यह बुद्ध विहार सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।
ज्ञातव्य हो कि बर्ष 2007 में 2550 वीं बुद्ध जयंती के समापन समारोह में तत्कालीन राष्ट्रपति डा.अब्दुल कलाम आजाद के आगमन के समय बुद्ध मंदिर के चारों तरफ लान लैंप लगाए गए जिसकी रोशनी में बुद्ध मंदिर रात भर चारों तरफ से स्पष्ट दिखाई पड़ता था।
अब ये खराब हो गयें। जिसके कारण मंदिर परिसर में रात भर अंधेरा रहता था। सुरक्षा की दृष्टि से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने बुद्ध विहार और परिसर को रात भर जगमग करने की योजना बनाई थी, किंतु अब तक यह योजना पूरी तरह परवान नही चढ़ पायी है जो मंदिर की सुरक्षा के लिए उचित नही है।
हालाकि इस संबन्ध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कुशीनगर उप अंचल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक पी के त्रिपाठी का कहना है कि ’’ महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर और परिसर को रात भर जगमग रखने की योजना पर कार्य प्रारंभ है। अतिशीघ्र इसे पूर्ण कर लिया जायेगा।’’
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