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370 रहे न रहे, जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न रहा है और रहेगा

स्मृति पर हमला निजी हमला नहीं -कांग्रेस
नई दिल्ली। मोदी सरकार में मानव संसाधन मंत्रालय का पदभार स्मृति ईरानी को दिए जाने पर जारी वाकयुद्ध के बीच कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि स्मृति पर हमला निजी हमला नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्मृति की ओर से 2004 एवं 2014 में दायर हलफनामें में उनकी शिक्षा को लेकर अलग-अलग जानकारियां उपलब्ध कराई गई है। 

हालांकि इसी विवाद के बीच स्मृति को एक नया समर्थक भी मिल गया है। वरिष्ठ जदयू नेता और काफी दिनों तक भाजपा के सहयोगी रहे शरद यादव ने कहा कि किसी व्यक्ति का आकलन उसके कामकाज के आधार पर करना चाहिए न कि उसकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर। अनुच्छेद 370 को लेकर केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर जमकर बरसने वाले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी स्मृति का बचाव करते हुए ट्वीट किया है कि मानव संसाधन मंत्री का पढ़ा-लिखा होना वैसे ही जरूरी है जैसे विमानन मंत्री का पयलट होना जरूरी हो। अनुच्छेद 370 को लेकर जारी बयानबाजी के बीच कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि देश को बांटने के लिए ऐसा किया जाएगा और यह सब पहले से तय था। 

 मालूम हो कि मंत्रिमंडल गठन के एक दिन बाद अजय माकन ने ट्वीट किया था कि मोदी के मंत्रिमंडल में मानव संसाधन मंत्री भी स्नातक नहीं है। इस ट्वीट के बाद दोनों तरफ से एक दूसरे पर हमले तेज हो गए हैं।

उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा अनुच्छेद 370 को लेकर दिए गए बयान पर भी विवाद गहराता जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 नहीं हटा सकती। इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि या तो अनुच्छेद 370 मौजूद रहेगा या जम्मू-कश्मीर भारत का अंग नहीं रहेगा। उमर की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि अनुच्छेद 370 रहे न रहे, जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न रहा है और रहेगा। 



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