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छत्तीसगढ़ की भटकी महिला की बूढ़ी आखें कर रहीं परिजनों का इन्तजार

टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों
कुशीनगर । अपने को छत्तीसगढ़ का आदिवासी बता रही महिला को एक फोटो कापी सेंटर के विपिन कुशवाहा ने खाने-पीने व रहने की व्यवस्था की। उसकी स्थिति ऐसी है कि अपनी पथरीली आंखों से अपने परिजनों की राह देख रही है।
इस महिला को किसी प्राइवेट बस वाले ने सेवरही उपनगर गन्ना समिति के समीप उतार दिया था। अंजान महिला को देख कुछ लोगों ने उसे पूछताछ की तो उसने अपना नाम सुंदरी पुत्र का नाम हीरालाल, पति का नाम मंगू कोहार ग्राम पत्रपारा भिमड़ा चैक, पोस्ट व ब्लाक बगीचा जिला जसपुरा बताया। लोगों द्वारा पूछे जाने पर उसने बताया कि उसका घर मैनी नदी के किनारे बनास के पास है। लोगों ने अपने-अपने तरीके से हर संभव प्रयास किया किंतु महिला के गांव या घर के बारे में सही पता नहीं चल पाया।
। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में चार माह पूर्व अपने परिवार से विछड़ी पचपन बर्षीय महिला दर-बदर अपने परिजनों की तलाश कर रही है। परिजनों को तलाशते हुए वह सेवरही कस्बे में पहुच गयी है।

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.................................TIMES OF KUSHINAGAR