भारतीय वायुसेना का पर्वतारोहण दल अरूणाचल प्रदेश की चोटी पर पहली बार पहुंचा
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के एक पर्वतारोही दल को रवाना करने का गुरुवार को समारोह आयोजित किया गया। एयर ऑफिसर इंचार्ज-प्रशासन एयर मार्शल एच. बी. राजाराम ने इस दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। भारतीय वायुसेना ने अरूणाचल प्रदेश के गोरीचेन क्षेत्र में एक पर्वतारोहण अभियान आयोजित किया जिसका मकसद ऐसी पर्वत चोटियों को खोजकर उनपर चढ़ना था जिन पर अब तक कोई न पहुंचा हो।
अभियान दल में 15 वायु सैनिक शामिल थे जिनका नेतृत्व विंग कमाण्डर डी. पांडा ने किया। इस अभियान दल को 24 अप्रैल, 2014 को दिल्ली से हरी झंडी दिखाई गई। इस अभियान दल में अनुभवी तथा नवप्रशिक्षित दोनों पर्वतारोहियों को शामिल किया गया था। काफी मेहनत-मशक्कत और गहन प्रयासों के बाद यह दल 14 और 15 मई को 5,887 मीटर की उंचाई वाली पर्वत चोटी पर जा पहुंचा।
यह अभियान इस दृष्टि से अद्वितीय है कि अब तक इन घाटियों और पर्वत चोटियों पर कोई अभियान नहीं चलाया गया। टीम के लिए अज्ञात स्थानों को खोजने का यह एक चुनौतीपूर्ण और थका देने वाला अभियान था। पूर्वी हिमालय क्षेत्रों में जाने का भारतीय वायुसेना का यह पहला प्रयास था। पल-पल बदलते मौसम और पश्चिमी विक्षोभों ने मिलकर इस अभियान दल की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। तमाम मुश्किलों के बावजूद अभियान दल साहस के साथ अपने काम में जुटा रहा और आखिरकार अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त कर ही ली। यह पर्वत चोटी माउंट गोरीचन के पश्चिम में स्थित है। इसका नाम माउंट गरूड़ पर्वत उन हवाई योद्धाओं ने रखा जिन्होंने इतिहास में पहली बार इसकी चोटी पर कदम रखा।
एजेंसी
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