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साइबर अपराधों से निपटने के लिये विशेषज्ञ अध्ययन समूह का गठन



नई दिल्ली । हाल में संसद सहित तमाम मंचों पर साइबर अपराध संबंधी विभिन्‍न मुद्दों पर चर्चा की गई थी। भारत विकासोन्‍मुख अर्थव्‍यवस्‍था है और अन्‍तर्राष्‍ट्रीय तथा घरेलू साइबर अपराधों का सहज निशाना है, इसलिये साइबर अपराध मुक्‍त वातावरण सुनिश्चित किये जाने की आवश्‍यकता है। पिछले दो-तीन वर्षों के दौरान देश में दर्ज होने वाले साइबर अपराधों में लगभग 40 प्रतिशत सालाना वृद्धि देखी गयी है।
साइबर अपराधों से कारगर तरीके से निपटने के लिये, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अकादमिकों और व्‍यावसायिकों के एक विशेषज्ञ समूह के गठन को मंजूरी दी है, ताकि देश में साइबर अपराधों से निपटा जा सके। यह विशेषज्ञ समूह साइबर अपराधों के हर पहलू का सामना करने के लिये सुझाव भी देगा।
पाँच सदस्‍यीय विशेषज्ञ अध्‍ययन समूह में सी-डैक, पुणे के महानिदेशक डॉ. रजत मूना, भारतीय विज्ञान संस्‍थान, बेंगलुरू के प्रो. कृष्‍णन, सर्ट-इन के महानिदेशक डॉ. गुलशन राय, आईआईटी, कानपुर के कंप्‍यूटर विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. मनीन्‍द्र अग्रवाल और आईआईआईटी, बेंगलुरू के प्रोफेसर डॉ. डी दास शामिल हैं। गृहमंत्रालय के संयुक्‍त सचिव (केन्‍द्र-राज्‍य)  कुमार आलोक समूह के संयोजक होंगे। 

विशेषज्ञ समूह के दायरे में होंगे कार्य -


  •      देश में साइबर अपराधों की कारगर रोकथाम का प्रारूप तैयार करना और उसके सभी पहलुओं से निपटने के लिये सुझाव देना।
  •   सार्वजनिक और निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संस्‍थानों, अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संस्‍थाओं और अन्‍तर्राष्‍ट्रीय गैर सरकारी संस्‍थानों के बीच संभावित साझेदारी का सुझाव देना।
  •    साइबर अपराधों से निपटने के लिये विशेषज्ञ समिति चाहे तो अन्‍य विशेष उपाय का सुझाव भी दे सकती है।

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