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हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भी मिलना चाहिए भारत रत्न-सीमा पुनिया


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो।
कुशीनगर। हैमर थ्रो खेल की स्वर्ण पदक विजेता सीमा पुनिया ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड लाने के अभियान में है। उनका एक मात्र लक्ष्य ओलंपिक का गोल्ड है।
राष्ट्रकुल और कामनवेल्थ गेम में तिरंगा लहराने वाली सीमा पुनिया को देख पत्रकारों ने उनके कामयाबी का राज जानना चाहा। जिस पर उन्होने अपनी सफलता का रहस्य जाहिर करते हुए कहा कि उनकी सफलता उनके परिवारिक सहयोग से मिली है। समाज को भी महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी होगी। महिलाएं भी कुछ कर सकती है। इसके लिए स्कूलों में खिलाडि़यों की नर्सरी तैयार करनी होगी और माता-पिता के साथ समाज को भी सहयोग देना होगा।
सीमा कुशीनगर में शहीद मेजर अमिय त्रिपाठी अखिल भारतीय क्रिकेट प्रतियोगिता में अपने कोच जेएस भाटिया और पति अंकुश पुनिया के साथ बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुयी थी। यूपी में खिलाडि़यों की कम संख्या के सवाल पर सीमा ने कहा कि सरकार को चाहिए कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाडि़यों को संरक्षण देने के लिए उन्हें नौकरी दे और संसाधन मुहैया कराकर खेल का माहौल बनाये। क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता पर उन्होंने कहा कि मार्केटिंग के चलते ऐसा हो रहा है। लोग इस खेल को अब मनोरंजन के रूप में देखने लगे हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में सीमा ने कहा कि खेलों को राजनीति से दूर रखना चाहिए और उच्च पदों पर खिलाड़ी को ही बैठाना चाहिए। एक खिलाड़ी ही खेल से जुड़ी बातों को बेहतर तरीके से समझ सकता है। सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न दिए जाने की बाबत उन्होंने कहा कि यह ठीक है, लेकिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद और सुशील कुमार को भी भारत रत्न मिलना चाहिए।

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