Breaking News

झोले में अस्पताल चलाने वालों की कुशीनगर में भरमार


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में आज कल झोले में अस्पताल चलाने वाले डाक्टरों की भरमार हो गयी है। इनकी चपेट में आकर आए दिन मर रहे लोगों की खबर प्रसारित होने के बाद भी स्वास्थ्य की दुहाई देने वाला विभाग खामोश है।

अब तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी यहां बेअसर साबित होता दिखायी दे रहा है। स्थिति यह है कि कुशीनगर में पंजीकृत चिकित्सकों की संख्या करीब 150 है, जबकि 2 हजार से अधिक गैर पंजीकृत चिकित्सक विभिन्न नर्सिग होम व अस्पतालों में धड़ल्ले से प्रैक्टिस कर रहे हैं।

ज्ञातव्य हो कि ग्रामीण व पिछड़ा जिला होेने के कारण कुशीनगर में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी हैैं। जिसका फायदा झोला छाप डाक्टर जगह-जगह बड़े बड़े बैनर व बोर्ड लगा कर उठा रहे हैं। बिहार व राजस्थान की डिग्री की भरमार लिए इन डाक्टरों द्वारा जिले भर में पांच दर्जन से अधिक अस्पताल व नर्सिग होम खोल ग्रामीणों का आर्थिक शोषण किया जा रहा।

बंगाली, मद्रासी, पटना, मुज्जफरपुर के अलावा राजस्थान के जयपुर की डिग्री का बोर्ड लगाए इन डाक्टरों द्वारा संचालित नर्सिग होम में पोता, हार्निया, बवासीर, फोड़ा, बच्चेदानी का आपरेशन धड़ल्ले से किया जा रहा। अपने आप को डाक्टर कहने वाले ये लोग छोले में अपना अस्पताल ले कर शहर व देहात क्षेत्र में अपना धंधा चलाते है। स्थिति यह है कि उल्टी दस्त या फिर वायरल फीवर हो यह इलाज के नाम पर बोतल चढ़ाना शुरू कर देते है। इससे न सिर्फ इनका भारी भरकम बिल बन रहा, बल्कि मजबूरन लोगों को इसका भुगतान भी करना पड़ता है।

स्वास्थ्य विभाग भले ही दावा करे कि पूरे जिले में पंजीकृत चिकित्सकों की संख्या 150 है, किंतु जिले के खड्डा, दुदही, कप्तानगंज, सेवरही, हाटा सहित विभिन्न चैराहों, बाजारों  और उनकी गलियों में घूमने से इसकी हकीकत सामने आ जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं

टिप्पणी करने के लिए आप को धन्यबाद!

.................................TIMES OF KUSHINAGAR