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246 संस्कृत विद्यालयों सहित कई विन्दुओं पर अतिशीघ्र होगा निर्णय


इलाहाबाद से लौटकर आचार्य अजय कुमार
कुशीनगर । संस्कृत विद्यालयों के दिन बहुरने वाले है। इनके लिए विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है। 246 विद्यालयों के अनुदान सहित कई विन्दुओं पर अति शीघ्र शासन स्तर पर निर्णय लिया जायेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री विनोद सिंह उर्फ पण्डित सिंह सोमवार को इलाहाबाद के बाधम्बरी मठ में आयोजित माध्यमिक संस्कृत शिक्षक कल्याण समिति उ. प्र. के द्वितीय महाधिवेशन के द्वितीय सत्र में बोल रहे थे।
इस दौरान उन्होने कहा कि संस्कृत शिक्षकों की मांग जायज है। इसके लिए विभागीय स्तर पर कार्यवाही सम्पादित की जारही है। विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को ही चपरासी, क्र्लक आदि का काम स्वयं करना पड़ता है। बर्षो से अनुदान के लिए प्रतीक्षा कर रहे अनुदान विहीन संस्कृत विद्यालयों के लिए बजट की व्यवस्था कर दी गयी है। जिले स्तर पर लम्बित अनुदान पत्रावलियों को अतिशीघ्र शासन में मंगा लिया जायेगा। संस्कृत शिक्षकों को घवराने की आवश्यकता नही है। प्रयास होगा कि संस्कृत विद्यालयों की सभी अतिशीघ्र पूरा कराया जाय।
इसी क्रम में एम.एल.सी. उमेश द्विवेदी, संजय मिश्रा ने संस्कृत शिक्षकों को विश्वास दिलाया कि संस्कृत शिक्षकों की मांग पर अतिशीघ्र पूरा कराने का प्रयास किया जायेगा। अगर आवश्यकता पड़ी तो संस्कृत शिक्षको की मांग विधान सभा में भी उठायी जायेगी।
द्वितीय महाधिवेशन में संस्कृत शिक्षको ने अपनी 12 सूत्रीय मांग शिक्षा राज्य मंत्री के समक्ष प्रस्तुत की थी। जिसमें माध्यमिक शिक्षकों की भांति 20 प्रतिशत की बजाय शत प्रतिशत प्रोन्नत वेतनमान, लिपिक एवं परिचारक के पदो का सृजन व नियुक्ति,न्यूनतम एल टी वेतनमान का अनुपालन,सेवा निवृत पर राशिकरणकी सुविधा समस्त जनपदों में अनुपालन, प्रदेश के 176 संस्कृत विद्यालयों का अनुदान बहाल,  प्रधानाचार्यो के लिए बीएड की अनिवार्यता समाप्त,पंचम वेतन मानकी स्वीकृति 1.7.2001 से संस्कृत नियमावली 2009 में कतिपय संसोधन के साथ नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ हो, 246 विद्यालयों को अतिशीघ्र अनुदान दिया जाय,नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को विनियमित किया जाय, एंव माध्यमिक की तरह संस्कृत विद्यालयों से शिक्षण शुल्क समाप्त किया प्रमुख मांगें है।
इस सम्बन्ध में समिति के महामंत्री आचार्य नागेन्द्र कुमार मिश्र ने बताया कि शिक्षा राज्य मंत्री के निर्देशानुसार समिति का प्रतिनिधि मण्डल एक हफ्तें के अन्दर शिक्षाराज्य मंत्री से मिलेगा जिसमें प्रमुख मांगों पर चर्चा कर उसे पूरा कराया जायेगा।

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