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मुम्बई बम धमाकों में 20 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भी राष्ट्र व पीडि़तों को न्याय नहीं-प्रवीण तोगडि़या




नई दिल्ली। 1993 मुम्बई बम धमाकों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा द्वारा आज सुनाये गये फैसले का सम्मान करते हुए ‘‘जिसमें अपराधियों को साधारण सजा सुनाने पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष डा0 प्रवीण तोगडि़या ने कहा कि- मुम्बई के विभिन्न स्थानों पर हुए 12 धमाकों में लगभग 257 मृतक तथा 700 से अधिक स्थाई तौर घायल और बड़ी संख्या में लापता लोगों के बावजूद केवल एक अपराधी को मौत की सजा मिली है अन्य अपराधियों को साधारण आजीवन कारावास।

 12 मार्च, 1993 को भयानक मुम्बई बम विस्फोट के कारण दुर्भाग्यपूर्ण दिन था। जिसमें सैकड़ों अपराधी होने पर भी केवल एक अपराधी को मृत्युदंड मिला, जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने 12 को मृत्युदंड दिया था। लेकिन उच्चतम न्यायलय के फैसलों में 10 को आजीवन कारावास हुआ अन्य को केवल साधारण सजा दी गई। क्योंकि वे गरीब अनपढ तथा पाकिस्तानी षडयन्त्रकारियों की कठपुतली थे। यह न्याय पीडि़तों को लिए न्याय नहीं हो सकता।’’ 

यह भारत के इतिहास के लिए दुर्भाग्यपूर्ण दिवस है कि भयंकर आतंकवादी हमलों में पीडि़त लोगों की न्याय नहीं मिला। साधारण लोग मरे, साधारण लोग घायल हुए और अपना रोजगार खो दिए। स्टाक एक्सचेंज से पासपोर्ट आफिस तथा पंचतारा होटलोें से साधारण लोगों के मकान आदि नष्ट हो गये। इसमें अपराधियों की गरीबी व अनपढता अगर है तो यह न्याय नहीं हो सकता। 12 विभिन्न स्थानों पर हुए धमाकों के पीडि़त न्याय मिलने के लिए 20 वर्ष से आस लगाये बैठे थे। 

डा0 तोगडि़या ने मांग करते हुए कहा कि ’’ भारत सरकार को दाउद इब्राहिम को भारत भेजने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालना चाहिए। मुख्य अपराधी याकूब मेनन जो उसी समय से भगोड़ा है उसको भी भारत में लाकर सजा देने और कटघरे में खड़ा करने की आवश्यकता है। 9/11 को अमेरिका में केवल एक विल्डिंग पर हुए आतंकवादी हमले के कारण अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को ढूंढ निकाला, उसी तरह देश व जनता के सम्मान के लिए भारत सरकार को भी उसी तरह का प्रयास करना चाहिए, जिससे बार-बार साधरण जनता जेहादी हमलों से छुटकारा पा सके। माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी पाकिस्तान और आईएसआई को भी हमले के लिए दोषी ठहराया है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार अपनी शक्ति दिखाकर व राजनीतिक संबंध विच्छेद कर देना चाहिए, जब तक पाकिस्तान दाउद इब्राहिम मेमन और अन्य जो विभिन्न हमलों के लिए सरकार की सूची में शामिल है उनको भारत के हवाले  करें। 

डा तोगडि़या ने कहा कि मेरा हृदय पीडि़त परिवारों के लिए बहुत दुःखी है। जो बच्चे उस समय 8 वर्ष के थे वह अब 28 वर्ष के हो गए हैं, वह अपने मित्रों और संबंधियों की मृत्यु से उनको क्षति हुई है लेकिन उनको अपने जीवन में संघर्ष करना पड़ेगा। मैं मीडिया से भी आग्रह करता हूं कि वह भी उनकी भावनाओं को व्यक्त करने में सहयोग करें। 

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