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मैत्रय को जमीन पर उतारने की प्रशासन की कोशिश जारी....


कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में प्रस्तावित मैत्रेय परियोजना से प्रभावित 47 किसानों ने का मामला हाईकोर्ट में चले जाने से जिला प्रशासन नयी रणनीति बना कर किसी तरह से परियोजना को जमीन पर उतारने में लग गया है।

ज्ञातव्य हो कि किसानो ने मैत्रेय परियोजना, संस्कृति सचिव, डीएम व भू-अध्यापित अधिकारी को पक्षकार बनाया और पैरवी तेज कर दी। उधर जिला प्रशासन कोर्ट में काउंटर लगाने की तैयारी के साथ ही मैत्रेय को जमीन पर उतारने की अपनी पहल अभी जारी रखा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मैत्रेय प्रभावित विशुनपुर विंदवलिया, अनिरूद्धवां, कसया के 47 किसानों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते आदेश दिया है कि इनकी जमीन न ली जाए और राज्य सरकार एक माह में अपना पक्ष रखे। अब तक लगभग 64 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण करने वाला प्रशासन सारी अड़चनों को दूर कर किसी भी प्रकार से परियोजनाओं को जमीन पर उतारने को तत्पर है। जिला प्रशासन नई रणनीति पर कार्य करना शुरूकर दिया है ताकि आवश्यक 30 एकड़ जमीन शीघ्र ली जा सके।

भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष गोवर्द्धन गोंड बताते है कि उच्च न्यायालय ने किसानों के लंबे संघर्षो का सम्मान करते हुए उपजाऊ जमीन के अधिग्रहण पर रोक लगाते हुए किसानों को राहत दी है। किसान हीरा सिंह, सूर्यकांत त्रिपाठी, दिनेश वर्मा, प्रेमचंद जैन, प्रभात सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने हाईकोर्ट के निर्णय की सराहना की है। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी आर सैम्फिल कहते हैं कि मैत्रेय परियोजना से विकास सम्भव है पर किसानों को बरगलाने वाले लोगों को इसकी समझ नहीं है।

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