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कुशीनगर ने भी बलात्कार व छेड़छाड़ के मामले में रिकार्ड बनाया


  • लगातार तीन साल से बढ़ रही है बलात्कार की घटनाएं

कुशीनगर । देश में महीला उत्पीड़न की घटनाओं में उत्तर प्रदेश का कुशीनगर भी पीछे नही रहा है। कुशीनगर ने भी बलात्कार व छेड़छाड़ के मामले में रिकार्ड बना दिया है। महिलाओ के यौन उत्पीड़न की सैकड़ों घटनाए परवान चढ़ चूकी है ।

कुशीनगर यौन हिंसा के मामले में कुशीनगर में तेजी से इजाफा हुआ है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस पिछड़े इलाके में 28 महिलाओं आबरू लूटी जा चूकी है। 29 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ तथा टीबोली कसने की घटना घट चूकी है। यौन हिंसा के इन मामलों में सक्रियता दिखा पुलिस ने जहां 35 मामलों में आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया वहीं बलात्कार के छह आरोपी अब भी पुलिस की पहुंच से दूर है।
यह आकड़े तो कुशीनगर पुलिस द्वारा दर्ज कर लिए गये है लेकिन इससे कही अधिक ऐसे मामलों है जिनको स्थानीय स्तर पर ही दबा दिया गया। कुछ मामलों में तो सार्वजनिक होने के भय से परिजनों ने शिकायत ही दर्ज नहीं कराई। वर्ष 2012 की शुरूआत में ही 11 जनवरी के दिन में ही अहिरौली थाना क्षेत्र के गांव भगवानपुर में गांव के ही दरिन्दें ने युवती की आबरू लूट ली। दुष्कर्म के दर्ज शुरू आती इस मामले का सिलसिला साल के आखिरी माह तक चलता रहा।

आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के मामले तेजी से बढ़े है। वर्ष 2010 में महिला यौन हिंसा के 35 मामलों में 22 मामले दुष्कर्म के दर्ज हुए थे। वही वर्ष 2011 में कुशीनगर की महिलाओं के यौन हिंसा के 44 मामले सामने आये जिसमें 26 दुष्कर्म के दर्ज किए गए थे। बर्ष 2012 में इसमें और बृद्धि हो गयी और कुशीनगर में बलात्कार की 28 घटनाए घटी। इनके साथ जनपद में 22 छेड़छाड़ व 7 दुराचारियों के टीबोली कसने समेत कुल 57 महिलाएं यौन हिंसा की शिकार हुई। बहुतायत मामलों में तो पुलिस ने मामला तक दर्ज ही नहीं किया और खुद ही पंच की भूमिका निभा मामले में सुलह -सपाटा करा दिया, जबकि पीडि़त पक्ष कार्रवाई की गुहार लगाते रह गया।

अभी नवम्बर माह में ही कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के ग्राम लखरइया की युवती के साथ दुष्कर्म हुआ और फिर इसी माह में खड्डा थाना क्षेत्र के ग्राम एकडंगा निवासी युवती के दुष्कर्म का मामला दोनों ही मामलों में पुलिस बखूबी पंच की भूमिका में रही।

जानकारी के मुताबिक बर्ष 2012 में यौन हिंसा के दर्ज 57 मामलों में पुलिस ने सक्रियता बरत अब तक दुष्कर्म के 22 समेत 35 मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने क्रम में आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया है, जबकि दुष्कर्म के छह मामलों में नामजद आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

प्रभारी एएसपी व सीओ सदर जेपी सिंह बताते है कि यौन हिंसा के मामलों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश है। इसके अलावा महिलाओं की शिकायतों को गंभीरता से लेने व उन्हे न्याय दिलाने के लिए विभाग तत्पर है।

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