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श्री राम जन्मभूमि के विषय को अब न्यायालय के भरोसे नही छोड़ा जा सकता- अशोक सिंघल





प्रयाग । श्रीराम जन्मभूमि के विषय को अब न्यायालय के निर्णय पर नहीं छोड़ा जा सकता है, इसका निर्णय शीघ्राति-शीघ्र भारतीय संसद को ही लेना पड़ेगा। भगवान् रामलला को आज कपड़े के मन्दिर से मुक्त कर उनके गौरव के अनुरूप 70 एकड़ परिसर में विषाल मन्दिर का निर्माण कर पुनप्र्रतिष्ठित किया जाए।

विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने उक्त विचार व्यक्त किये है। उन्होने कहा कि महाकुम्भ आध्यात्मिक शक्तियों के परस्पर विचार-विमर्ष का महा-अनुष्ठान है जिसमें सम-सामयिक विषयों पर गहन मंथन होकर समाज के लिए करणीय आचार संहिता को भी घोषित किया जाता है। गत कुम्भ पर्वों पर पूज्य सन्तों ने राष्ट्र को दिषा देने वाले अनेक निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा 1966 में गोरक्षा का विराट आन्दोलन, 1989 में श्रीराम जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माणार्थ षिलापूजन का कार्यक्रम, जो 2.75 लाख गाँवों में सम्पन्न हुआ। इसी प्रकार भारतमाता, गंगामाता को लेकर (एकात्मता यात्रा) निकाली गई जिसके कारण सम्पूर्ण देषभर में गंगा और भारतमाता के प्रति समाज में जागरूकता आई। पंजाब में आतंकवाद के विरुद्ध भी सन्तों ने निर्णय लेकर सद्भावना यात्रा निकाली। 2001 के कुम्भ में सम्पूर्ण देष में महानुष्ठान का निर्णय लिया गया जिसमें तीन लाख गाँव सम्मिलित हुए थे। 

उन्होंने कहा वर्तमान महाकुम्भ में भी हिन्दू समाज के समक्ष उत्पन्न अनेकों महत्वपूर्ण सम-सामायिक विषयों पर गम्भीर चिन्तन होने वाला है, जिसमें प्रधान विषय भगवान रामलला को कपड़े के मन्दिर से मुक्त कर उनके गौरव के अनुरूप 70 एकड़ परिसर में विशाल मन्दिर का निर्माण कर पुर्नप्रतिष्ठित किया जाए। 
उन्होंने कहा श्रीरामजन्मभूमि के विषय को अब कोर्ट के निर्णय पर ही नहीं छोड़ा जा सकता, इसका निर्णय शीघ्रातिशीघ्र भारतीय संसद को ही लेना पड़ेगा। श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण हेतु पहले भी सन्तों ने महाजागरण अनुष्ठान का निर्णय लिया है। पुनः पूज्य सन्त-धर्माचार्यों द्वारा विजय महामंत्र ‘‘श्रीराम जय राम जय जय राम’’ के अनुष्ठान करने का सुझाव आया है।  

श्री सिंहल ने कहा  इस महाकुम्भ के अवसर पर 4 फरवरी, 2013 को भारत की मिट्टी में जन्में समस्त सम्प्रदायों के वरिष्ठ आचार्यों का परस्पर मिलन का कार्यक्रम आचार्य महामण्डलेश्वर गुरू शरणानन्द जी महाराज के शिविर स्थान - दक्षिण झूसी, सेक्टर-12, माघ मेला क्षेत्र, प्रयाग में सम्पन्न होगा। वही 6 फरवरी, 2013 को केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक रसिया बाबा नगर, मोरी मार्ग - मुक्ति मार्ग चैक, सेक्टर-10, माघ मेला क्षेत्र, प्रयाग में सम्पन्न होगी, जिसमें सभी विषयों की आगामी कार्य-योजना को अन्तिम रूप दिया जायेगा। इसके साथ 7 फरवरी, 2013 को दोपहर दो बजे से धर्मसंसद एवं सन्त महासम्मेलन पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती जी महाराज के शिविर स्थान - शास्त्रीपुल के नीचे, मोरी मार्ग, सेक्टर-5, माघ मेला क्षेत्र, प्रयाग मंे सम्पन्न होगा। जहां सभी सन्त महाजागरण के स्वरूप और अपने संकल्प के सम्बन्ध में विचार प्रस्तुत करेंगे।उन्होंने कहा आज हिन्दू समाज के सामने अनेक ज्वलन्त चुनौतियाँ हैं, 

गोमांस व्यवसाय के नाम पर कसाईयों के द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों गौओं की हत्या की जा रही है, सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2021 तक देश में एक भी देशी गोवंश नहीं बचेगा। यमुना को मृत नदी घोषित कर दिया गया है, गंगा की भी स्थिति उसी दिशा में है। पवित्र गंगा की अविरलता और निर्मलता की रक्षा सन्तों की चिन्ता का प्रमुख विषय है। जिनमें हिन्दुओं की घटती हुई जनसंख्या सन्तों के सामने एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि 2061 तक अखण्ड भारत में हिन्दू अल्पसंख्यक हो जायेगा। हिन्दू जनसंख्या घटने का मुख्य कारण हिन्दुओं द्वारा परिवार नियोजन का स्वीकार करना, मुस्लिमों द्वारा उसको नकारना व समान नागरिक कानून को न मानते हुए अधिक से अधिक संतति उत्पन्न करना है। हिन्दुओं की अल्प संख्या का दूसरा बहुत बड़ा कारण इसाईयों एंव इस्लाम धर्मियों द्वारा भारी मात्रा में हिन्दुओं का धर्मान्तरण करना है तथा करोड़ों की संख्या में अवैध बंगलादेशियों की घुसपैठ व लव जेहाद जैसे अभियान भारत में जेहादी मुस्लिम हिंसक चर्च और माओवादियों द्वारा होने वाला आक्रमण, हिन्दू समाज के सामने सुरक्षा का संकट उत्पन्न कर रहे हैं, ये सभी विषय सन्तों के लिए अत्यन्त गम्भीरता वाले हैं। वहीभ्रष्टाचार एवं बढ़ती मंहगाई, साथ ही साथ आर्थिक पराधीनता के कारण, जनमानस का जीना दूभर हो गया है, सन्तों के लिएयह भी विषय महत्व रखता है। इसके साथ ही हिन्दू समाज के समक्ष एक बड़ी चिन्ता का विषय यह है कि उसके लाखों मन्दिरों का अतिक्रमण नास्तिक सरकारों द्वारा किया गया है। मन्दिरों की सम्पत्तियों का अनेक ऐसे विषयों पर उपयोग होता है, जिसका हिन्दू समाज से कोई लेनादेना नहीं है।

उन्होंने कहा इन सभी गम्भीर विषयों पर सन्त समाज चुप नहीं बैठ सकता, इसलिए पूज्य सन्त जन-जन को जागृत करने के लिए महाजागरण अभियान पर निकलेंगे। श्री सिंहल ने कहा जहां एक ओर लाखों सन्त धार्मिक प्रवचन, राष्ट्रचिन्तन और साधना के पवित्र कार्य में लगे हैं, वहीं जयपुर में कांग्रेस के चिन्त शिविर में हुए विचार मंथन से पूरे भगवा समाज को हिन्दू और भगवा आतंकवादी घोषित करने का जो राग भारत के गृहमंत्री सुशील शिंदे द्वारा अलापा गया है, यह सम्पूर्ण सन्त जगत एवं हिन्दू समाज का घोर अपमान है। इस पर सन्त-धर्माचार्य कोई गम्भीर निर्णय लेंगे।

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