वतन पर बने गाने आज भी रूलाते है- भानु प्रताप
सिधुआ, कुशीनगर। स्थानीय महात्मा गाधी शिक्षण संस्थान सेमरिया खुर्द में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम प्रबन्धक एवं वरिष्ठ पत्रकार भानुप्रताप तिवारी द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरूआत बच्चों ने सरस्वती के बन्दना के साथ की। बच्चों ने इस गणतंत्र दिवस समारोह में शास्त्री संगीत, नृत्य-गायन, नाटक का विहंग प्रर्दशन किया। इसमें जन मानस को ओत-प्रोत कर देने वाले ए मेरे बतन के लोगों गीत आगन्तुको ने काफी सराहा इसके बाद इस गीत के बारे बच्चों को बताते हुए प्रबन्धक बरष्ठि पत्रकार भानु प्रताप तिवारी ने कहा कि यह गीत हमें चीन युद्ध की याद दिला देती है।
1962 का वह क्षण जब प्रदीप, जो हर भारतीय की तरह 1962 के युद्ध की हार से निराश थे, एक दिन मुंबई के माहिम बीच पर सैर के लिए निकले। अचानक उनके दिमाग में ये पंक्तियां आईं। उन्होंने अपने साथ सैर पर आए साथी से पैन मांगा, सिगरेट के डिब्बे से पन्नी निकालकर उस पर इस गाने का पहला छंद लिखा, ऐ मेरे वतन के लोगों, आंखों में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी। कुछ हफ्तों बाद निर्माता महबूब खान ने उनसे राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम के लिए उद्घाटन गीत लिखने के लिए कहा। प्रदीप के कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं, लेकिन वे अभी इसकी कोई जानकारी नहीं देंगे। इसके बाद उन्होंने लता मंगेशकर और संगीत निर्देशक सी रामचंद्र को अपनी इस योजना में शामिल कर लिया, और उसके बाद जो हुआ, वो आज तक एक इतिहास वन गया है। आज के दौर में सबके दिलों पर राज करने वाला यह गीत निश्चित ही सराहनीय का प्रतिक है।
समारोह के मुख्य अतिथि ने कहा कि बच्चों की शिक्षा भारतीय संस्कार में होनी चाहिए ताकि उनमें बड़ों के प्रति आदर और छोटों के प्रति सहानुभूति की भावनाएं जागृत हो। इसी कार्यक्रम को वागेश्वरी तिवारी, दीनानाथ मिश्रा, श्रीराम मिश्रा, कनिष्क तिवारी, श्रीमती देवन्ती तिवारी ने प्रमुख रूप से सम्बोधित किया सभी ने बच्चों को समाज के प्रति चेतन रहने का आह्वान किया। गणतंत्र दिवस समारोह का संचालन प्रधानाचार्य ममता तिवारी ने किया। इस अवसर पर जमालुद्दीन, बृजेश मिश्रा, राजेश मिश्रा, मकबूल, सत्तार आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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