Breaking News

मैत्रय परियोजना से पर्यटन उद्योग को काफी आश

 

  •  भगवान मैत्रय को समर्पित है यह परियोजना

  •  परियोजना के साथ आर्थिक विकास की गति में गुणात्मक बृद्धि की है प्रबलता

कुशीनगर । भगवान बुद्ध के परिनिवार्ण स्थली में भगवान मैत्रय को समर्पित मैत्रय परियोजना से पर्यटन उद्योग को काफी आश लगी है। कुशीनगर के विकास में सहायक व पर्यटन उद्योग को गुणात्मक विकास एक नई दिशा देने वाली इस परियोजना को धरातली रूप लेते ही आर्थिक विकास की गति में गुणात्मक बृद्धि प्रबलता से देखी जाने लगी है।

ज्ञातव्य हो कि भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली में प्रस्तावित लगभग 1500करोड़ की महात्वाकांक्षी मैत्रेय परियोजना को लेकर उम्मीदों को पर निकलने लगे हैं। इस परियोजना के प्रभाव में किसानों के सकारात्मक रुख से प्रशासन की चाल बृद्धि की ओर है। 

दुसरी तरफ परियोजना के घरातली रूप में  आते ही कुशीनगर में पर्यटको की में पर्यटको की संख्या में काफी इजाफा होने वाला है।  पर्यटन विभाग भी इस बात की पुष्टि करते हुए कह रहा है कि मैत्रय परियोजना कुशीनगर ही नही पूरे उत्तर प्रदेश के लिए बरदान साबित होगी। क्योकि इससे सबसे ज्यादा पर्यटन उद्योग ही प्रभावित होगा।

इस परियोजना में सबयां, विशनुपुर विंदवलिया, कसया, अनिरुद्धवां की लगभग 268.5 एकड़ जमीन पर निर्माण कार्य होना है। इसके तहत 500 फीट ऊंची बुद्ध की कांस्य प्रतिमा, अंतरराष्ट्रीय मानक का चिकित्सालय, प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक का अन्तरराष्ट्रीय विश््वविद्यालय, मेडिटेशन सेंटर आदि का निर्माण होना बताया जाता है।

अब तक के आकड़ों के अनुसार परियोजना में जमीन में भूमि के शामिल होते देख जा रहाह है। लगभग 2495 किसानों में अब तक लगभग 1617 किसानों ने लगभग 168.89 एकड़ जमीन का करार कर लिया है, इनमें से लगभग 1516 किसानों को 160.29 एकड़ का 61.34 करोड़ रुपये मुआवजा भी मिल गया है।

इस तरह अब तक 64 फीसद किसानों ने अपनी हामी भर दी है। प्रशासन चाहता है कि 80 प्रतिशत किसान अगर करार कर लेते है तो 20 प्रतिशत के लिए करार की आवष्यकता नही होगी। जिसको लेकर कमीश्नर ने एक बैठक कर प्रशासन को जमकर फटकार लगायी थी। जिसको लेकर प्रशासन ने हर हाल में 15 जनवरी तक 80 प्रतिशत किसानों से अधिग्रहण व करार करने का निर्देश जारी कर दिया है।

अगर एक नजर मैत्रय परियोजना के रूप रेखा पर नजर डाला जाये तो यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि यह परियोजना कुशीनगर के विकास में एक सार्थक पहल है। मुआवजा वितरण के बाद परियोजना जमीन पर उतरेगी तो अन्तरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य व शैक्षणिक सुविधाएं अन्यन्त सुलभता से उपलब्ध होंगी। इसके साथ सैलानियों के लिए यह एक आकर्षण का एक बड़ा केंद्र होगा।

इस सम्बन्ध में उप पर्यटन निदेशक पी के सिह कहते है कि मैत्रय परियोजना का प्रभाव कुशीनगर के विकास परअवश्य ही पड़ेगा क्योंकि यह परियोजना पर्यटन उद्योग को प्रभावित करेगाी। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि पर्यटन उद्योग के विकास के साथ ही कुशीनगर चलता रहेगा।

कोई टिप्पणी नहीं

टिप्पणी करने के लिए आप को धन्यबाद!

.................................TIMES OF KUSHINAGAR