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कुशीनगर में महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाए बढ़ी


  •    ज्यादातर लड़किया हो रही है छेड़खानी की शिकार

  •    इन घटनाओं को पुलिस नही दे रही प्राथमिकता


कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाए बढ़ती जारही है। लड़कियां छेड़खानी की शिकार हो रही है और पुलिस उसे निपटाकर समाप्त करने में लग जा रही है । यहां तक कोई मुकदमा भी नही दर्ज किया जारहा है।

ज्ञातव्य हो कि अनुसार बुधवार को अपरान्ह करीब 4 बजे बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर में पढ़ने वाली एक एम.काम. की छात्रा जो फाजिलनगर से आती जाती है, अपने छोटे भाई के साथ टैम्पो से कसया आ रही थी। उसी टैम्पो में फाजिलनगर का ही रहने वाला एक युवक विवेकानन्द सिंह पुत्र सुरेश सिंह भी चढ़ा और रास्ते में छात्रा से छेड़खानी करने लगा।
रास्ते में मल्लूडीह में एक महिला भी चढ़ी इस महिला से छात्रा ने अपनी व्यथा बतायी तो उसके अनुरोध पर टैम्पो चालक अपना टैम्पो लेकर कसया थाने आया लेकिन आरोपी इतना दुस्साहसी था कि वह टैम्पो से उतरने को तैयार नहीं था। पीडि़ता द्वारा जब अपनी बात थाने में तैनात एक उपनिरीक्षक को बताया गया तो उन्होंने आरोपी को टैम्पो से उतारकर लाकप में बन्द किया।

लेकिन इसके बाद पीडि़ता रोते-गाते फिर अपने भाई के साथ वापस गयी। पुलिस ने उसका तहरीर तक नहीं लिया। जिससे साफ जाहिर है कि इस आरोपी के विरूद्ध कोई कार्रवाई कर पाना सम्भव नहीं लगता। वही दुसरी तरफ छेड़खानी की दूसरी घटना में कसया थाना क्षेत्र के ग्राम कुड़वा उर्फ दिलीपनगर के गुरम्हिया माफी टोला निवासी महिला रमावती देवी जो मुसहर (दलित) विरादरी की है ने थाने में तहरीर दिया कि उसकी लड़की सहित टोले की दो अन्य लड़कियां जो सुबह 7 बजे के आस-पास नित्य क्रिया के लिए खेत की तरफ गयी थी कि गांव का कवलेश यादव पुत्र चन्द्रिका यादव उनके साथ छेड़खानी करने लगा।

डांटकर भगाने पर उसने एक लड़की का बांह पकड़ लिया जिस पर वह चिल्लाने लगी। उसके शोर पर उसका भाई हीरा मौके पर आया तो उसे भी आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए भद्दी-भद्दी गाली दिया और बाद में उसका पूरा परिवार पीडि़त लड़की के दरवाजे पर चढ़कर झगड़ा करने चला आया और उसके भाई हीरा को राड से सर पर मारकर घायल कर दिया।

इत्फाक कहो या कोई कारण इस मामले में भी कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। एक मामले में आरोपी को पकड़ने के बाद भी बिना तहरीर लिए पुलिस ने रोती छात्रा को घर भेजा दिया तो दूसरे मामले में तहरीर के बावजूद भी मुकदमा दर्ज नही हो सका। ऐसा नही की ये पहली वार हुआ है, ऐसा होता रहता है और पुलिस इसे निपटाती रहती है

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