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करुणा सागर योजना की जमीन अब मैत्रेय परियोजना के आयेगी काम


  •     शासन को भेजा गया रिपोर्ट

कुशीनगर । शासन व प्रशासन भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में प्रस्तावित 1500 करोड़ की महत्वाकांक्षी मैत्रेय परियोजना को पूरा करने को लेकर सारे हथकन्डे अपनाने शुरू कर दिये है। यहां तक कि महायोजना 2031 के तहत करुणा सागर योजना के नाम से अंकित 27 एकड़ 60 डिस्मिल भु-भाग के उपभोग को बदलने की योजना बनायी गयी है।

प्रशासन ने शासन को तीन बिन्दुओं पर शनिवार को अनुपालन रिपोर्ट भेजी है रिपोर्ट में महायोजना 2031 के तहत करुणा सागर योजना के नाम से अंकित 27 एकड़ 60 डिस्मिल जमीन का भू उपयोग बदलने की बात कही गई है, ताकि मैत्रय परियोजना के तहत उस निर्माण कार्य को किया जा सके।

ज्ञातव्य हो कि प्रशासन मैत्रेय परियोजना को लेकर प्रशासन अब तनिक भी देरी नही करना चाहता। अधिग्रहण की कार्यवाही को तेजी से पूरा करने के साथ ही शासन को भेजे गये तीन बिन्दुओं पर अनुपालन रिपोर्ट कहा है कि महायोजना 2031 के तहत करुणा सागर योजना के नाम दर्ज जमीन का भू उपयोग बदला जाए ताकि मैत्रेय परियोजना के तहत यहां निर्माण कार्य हो सके। तीसरे बिंदु पर वन विभाग के पास निकली पर्यटन विभाग की 15 एकड़ जमीन का जिक्र है, ताकि उसको भी मैत्रेय परियोजना के तहत शामिल किया जा सके।प्रशासन की इसके पीछे मंशा यह है कि परियोजना के लिए आवश्यक 268.5 एकड़ जमीन का आकड़ा छू लिया जाए और परियोजना को जमीन पर उतारा जा सके।

इस सम्बन्ध में मुरलीधर मिश्र, एसडीएम कसया ने बताया कि शासन को तीन बिन्दुओं पर अनुपालन रिपोर्ट भेज दी गई है। जिसके तहत महायोजना के तहत आने वाली करुणा सागर योजना के 27 एकड़ 60 डिस्मिल जमीन के भू उपयोग बदलने की बात भी कही गई है। वन विभाग के पास पड़ी पर्यटन विभाग के 15 एकड़ जमीन का भी जिक्र किया गया है।

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