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टाईगर प्रोजेक्ट में बाघों की गणना होगी दुरूस्त


  •    विभाग ने बनायी योजना, 20 तक शुरू हो जायेगा बाघो के गणना का कार्य

कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर सीमावर्ती वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना में अब बाघों की संख्या स्पष्ट हो सकेगी। वन विभाग ने बाघों की वास्तविक संख्या पता लगाने के लिए एक विशेष योजना बनायी है।  इसके तहत 20 दिसम्बर के पूर्व ही बाघों की गिनती का कार्य शुरू हो जायेगा।


बाघो की गणना के लिए बनायी गयी इस योजना से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के साथ-साथ महराजगंज के सोहगीबरवा वन आश्रयणी और नेपाल के चितवन नेशनल पार्क में एक साथ गणना होने पर बाघों की संख्या में  का अनुमान सही नही लग पाता था। इस विशेष योजना के तहत होने वाले इस कार्य में डब्लू डब्लू एफ नेपाल व डब्लू टी आई के विशेषज्ञों के अलावा सोहगीबरवा वन आश्रयणी और नेपाल के चितवन नेशनल पार्क के कर्मचारियों का सहयोग लिया जायेगा।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक संतोष तिवारी ने बताते है कि बाघों की गिनती के लिए अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें यूपी में कार्यरत डब्लू डब्लू एफ इंडिया के विशेषज्ञों के सहयोग के लिए बात की गई है। इस पर उक्त लोगों ने सहयोग देने की सहमति दी है।

ट्रैप कैमरा के माध्यम से बाघों की गिनती के लिए इस बार 14 सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम को लगाया जायेगा ताकि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बाघों की वास्तविक संख्या का पता चल सके। बाघों के इस गणना कार्य में तीनों आश्रयणी क्षेत्रों के दर्जनों गणना एक्सपर्ट व तकनीकी कर्मी भी उपस्थित रहेंगे। पिछली बार वर्ष 2008 और 2010 में बाघों की गणना की गई थी। पर दोनों बार संख्या को लेकर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया गया था।

 जिसमें यह बात सामने आयी थी कि नेपाल के चितवन नेशनल पार्क के बाघों को भी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में जोड़कर दिखा दिया गया था। वन पदाधिकारियों ने संभावना जतायी है कि यहां बाघों की संख्या कम से कम 14-15 की हो सकती है जो इस बार के गणना से स्पष्ट हो जायेगी।

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