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महाबोधि बिहार प्रबंधक एक्ट 1949 बौद्धों के विरूद्ध- आनंद


कुशीनगर ।  बोध गया महाबोधि बिहार प्रबंधक एक्ट 1949 बौद्धों के विरूद्ध है। यह हिंदू और बौद्धों के मध्य सामंजस्य दिखाने का ढ़ोंग है। यह एक तकनीकी समस्या है जो राजनीतिक दबाव से हल होगी।

उक्त बातें बुद्ध गया महाबोधि बिहार मुक्ति आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते आनंद ने कुशीनगर में गुरूवार को एक भेट बार्ता में बतायी।

उन्होंने कहा कि यह एक्ट बोधगया महाबोधि विहार के प्रबंधन के लिए लाया गया था जिसके अनुसार तीन वर्ष हेतु एक समिति गठित की गयी। इस समिति में 4 हिंदू तथा 4 बौद्ध सदस्य, गया के जिलाधिकारी हिंदू होने पर अध्यक्ष बनाये गये। इस प्रकार बौद्ध समिति में अल्पमत में हो हो जाती है और चाहकर भी उस प्रस्ताव को पास नही करा सकती।जो प्रबंधन की बेहतरी के लिए आवश्यक होता है।आगे कहा कि संशोधन की मांग को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन में बाधा डालने के उद्देश्य से कुछ लोग ने राजनैतिक रंग देने की कोशिश की लेकिन वे सफल नही हो सके।

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