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कुशीनगर के किसान महोत्सव में किसान कम कर्मचारियों की संख्या रही ज्यादा




  •   किसान ही सर्वोपरि है - ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसान महोत्सव का शनिवार को समापन हो गया। हालाकि तीन दिनों के लिए आयोजित इस किसान महोत्सव के सफलता का आन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीन दिनों इस किसान महोत्सव में किसान कम कर्मचारी ज्यादे दिखें।

किसानों के लिए आयोजित इस किसान महोत्सव का आयोजन की शुरूआत 13 दिसम्बर को जिलाधिकारी आर सैम्फिल की देख रेख में हुयी। इस किसान महोत्सव में कहने को तो सब कुछ था पर किसान कम नजर आ रहे थे। तीन दिनों तक चलने वाले इस किसान महोत्सव कृषि मंत्रालय के आत्मा परियोजना से जुड़े तमाम विभागों के स्टाल लगें हुए थे। लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में यह किसान महोत्सव पूरी तरह फ्लाप होगया।

कुशीनगर के पडरौना नगर स्थित उदित नारायण इंटरमीडिएट कालेज के परिसर में आयोजित इस महोत्सव में कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि किसान उर्वरकों की संतुलित मात्रा में प्रयोग करें, इससे उत्पादकता के साथ आर्थिक लाभ भी मिलेगा। किसानों को नई तकनीक के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देने पर जोर दिया गया। लेकिन ग्रामिण जिला होने के बाद भी यहा किसानों की संख्या न के बराबर थी। मालूम पड रहा था कि कोई पडरौना आया और एक नजर देख लिया और फिर चल दिया। 

शनिवार को तीसरे दिन प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी पहुचे हुए थे। इनकी मौजूदगी में ही इस किसान महोत्सव का समापन हुआ। इस अवसर पर श्री त्रिपाठी ने कहा कि किसान ही सर्वोपरि है इसे हर हाल में उसके कार्यो का मुल्य दिया जाना चाहिए ताकि कृषि का विकास हो सके और समृद्धता मिल सके। इस अवसर पर कृषि विभाग के तमाम कर्मचारी और कुछ गिने-चूने किसान मौजूद थे जो मंत्री जी से मिलने चल आये थे।

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