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महत्वाकाक्षीं मैत्रेय परियोजना के सभी अवरोध समाप्त होने लगे



कुशीनगर। विश्व की सबसे बड़ी महत्वाकाक्षीं मैत्रेय परियोजना के सभी अवरोध समाप्त होने लगे है। परियोजना से प्रभावित सभी किसान धीरे-घीरे प्रशासन का सयोग करना शुरू कर दिया है।

ज्ञातव्य हो कि मैत्रेय परियोजना के लिए जमीन देने की पहल सबसे पहले सबयां गांव के किसानों ने की। बात आगे बढ़ी तो कसया के किसान भी सहमति में सुर मिलाने लगे। शनिवार को मुआवजा वितरण स्थल कुशीनगर के पथिक निवास में विशुनपुर बिंदवलिया गांव के किसान भी आ गये। कई किसानों ने तहसीलदार अरुण कुमार राय से बातचीत कर मुआवजे और करार के संबंध में जानकारी ली।

प्रशासन इस गांव के लोगों से करार करने का काम सोमवार से शुरू करने की बात कह रहा है। शनिवार को इस गांव के दर्जनों किसान पथिक निवास में चल रही कार्रवाई का जायजा लेने पहुंचे थे। विशुनपुर बिंदवलिया के 746 किसानों की 81.31 एकड़ भूमि परियोजना में निकल रही हैं। इस गांव के कुछ किसान वर्तमान सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा चाह रहे हैं तो कुछ का कहना था कि हम परियोजना के लिये जमीन देगे ही नहीं। चार दिनों से सबया और कसया के किसानो को मुआवजा लेते देख अब इस गांव के किसानों का रुख भी सकरात्मक नजर आने लगा है।

बिंदवलिया के किसानों को मुआवजा पर बात करता देख प्रशासन भी राहत में है। पथिक निवास में आये किसानों से बातचीत करने से पता चला कि ऐसे किसान जिनकी जोत कम है वह तो मुआवजा लेकर मामले से पिंड छुड़ाना चाहते है किंतु बड़ी जोत के किसान प्रशासन से सर्किल रेट पर मुआवजा चाहते हैं। इस गांव का सर्किल रेट वर्तमान में 2200-5000 प्रति वर्गमीटर है।


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