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न्यायालय की अवमानना के बाद वेघर हुए 165 मुसहर





कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में उच्च न्यायालय की आवमानना नोटिस के बाद नाहर छपरा गांव के 165 मुसहर फिर से भूमिहीन हो चुके।इन्हे पट्टाधारकों को अब दूसरी जगह भूमि आवंटन पर विचार किया जा रहा है।

ज्ञातव्य हो कि पडरौना तहसील के नाहर छपरा गांव में सैकड़ों एकड़ सीलिंग की भूमि है। अधिकतर जमीन पर लोअर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक मुकदमा चल रहा है। बीते दिनों जिला प्रशासन ने नाहर छपरा में भी 165 मुसहरों और भूमिहीनों को पट्टा आवंटित किया था। इनमें से 56 लोगों को राजस्व विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में कब्जा दखल भी करा दिया गया था। पूर्व से काबिज कुछ लोग प्रशासन के इस कदम पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाए। इनका कहना था कि उनके पास पहले से ही स्थगन आदेश था, जिसको दरकिनार कर अन्य लोगों को पट्टा दे दिया गया। उच्च न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएम, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल समेत चकबंदी के जिला स्तर से लेकर लेखपाल तक अवमानना नोटिस जारी कर दिया।

 इसके बाद सात दिसंबर को सुनवाई की तारीख पक्की कर दी। न्यायालय की नोटिस के बाद नाहर छपरा में आवंटित 165 भूमिहीनों के पट्टों को निरस्त कर सरकारी पक्ष ने न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल किया। इन भूमिहीनों को कहीं अन्य जगह भूमि उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन विचार कर रहा है।

इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी रिग्जियान सैंफिल ने बताया कि भूमिहीनों को कहीं अन्य जगह जमीन आवंटित करने का विचार चल रहा है। अगर जमीन मिली तो इनको वहां पट्टा दे दिया जाएगा।

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