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बढ़ गया पेट्रोल का दाम 1.40 रुपया



नई दिल्ली, एजेंसी। देश में तेल कंपनियों ने शुक्रवार को पेट्रोल के दाम 1.40 रुपये लीटर बढ़ा दिये। पिछले एक पखवाड़े में पेट्रोल के दाम दूसरी बार बढ़ाये गये हैं। पेट्रोल के दाम नियंत्रणमुक्त हैं, इसलिये तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके दाम में होने वाली घटबढ़ के अनुरूप दाम तय करतीं हैं।


इंडियन ऑयल कारपोरेशन की आज जारी विज्ञप्ति के अनुसार दो वजह हैं, जिससे पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़े। पहली अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल के दाम पिछले पखवाड़े के दौरान 128.57 डॉलर से बढ़कर 131 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गये और दूसरी इस अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपया 53.43 से गिरकर 54.15 रुपये प्रति डॉलर रह गया।

पेट्रोल के दाम में की गई 1.40 रुपये लीटर की यह वृद्धि बिना मूल्य वर्धित कर यानी वैट के है। वैट शामिल किये जाने के बाद विभिन्न राज्यों के पेट्रोल के दाम में वृद्धि अलग अलग हो सकती है। दिल्ली में आज मध्यरात्रि से पेट्रोल का दाम 69.06 से बढ़कर 70.74 रुपये लीटर होगा।  इससे पहले 16 फरवरी को पेट्रोल के दाम डेढ़ रुपये लीटर बढ़ाये गये थे।

मुंबई में पेट्रोल का दाम 75.89 रुपये से बढ़कर 77.66 रुपये, कोलकाता में 76.59 रुपये से बढ़कर 78.34 रुपये और चेन्नई में 72.17 रुपये लीटर से बढ़कर 73.95 रुपये लीटर होगा।

इंडियन ऑयल ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कुछ सालों से वर्ष की पहली तिमाही में तेजी से बढ़ते हैं और आमतौर पर कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से जून में नीचे आने लगते हैं। पेट्रोल के दाम में इस रुझान को देखते हुये जब कभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम कम होंगे, हमारा विश्वास है कि घरेलू बाजार में भी इन्हें फिर से तय करने का अवसर हमें मिलेगा।

देश में पेट्रोलियम पदार्थों की सबसे बड़ी विक्रेता कंपनी इंडियन ऑयल ने कहा है कि रुपया और डॉलर की विनिमय दर पर भी लगातार नजर रखी जा रही है और जब कभी स्थिति में सुधार होगा आने वाले समय में घरेलू दाम में इसकी झलक दिखेगी।

तेल कंपनियां बड़े पैमाने से विदेशों से पेट्रोलियम पदार्थों का आयात करती हैं, जिसका भुगतान विदेशी मुद्रा में किया जाता है। ऐसे में रुपया़-ड़ॉलर की विनिमय दर में बदलाव का भुगतान राशि पर असर पड़ता है।

तेल कंपनियों को डीजल, मिट्टी तेल और घरेलू रसोई गैस की बिक्री पर भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हाईस्पीड डीजल पर उन्हें 11.26 रुपये और राशन में बिकने वाले मिट्टी तेल पर 33.43 रुपये लीटर और घरेलू एलपीजी सिलेंडर 439 रुपये प्रति सिलेंडर की कम प्राप्ति हो रही है। चालू वित्त वर्ष में इन तीनों पेट्रोलियम उत्पादों पर इंडियन ऑयल को 86,500 करोड़ रुपये और समूचे तेल उद्योग को 1,63,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।

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