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सहकारी समितियों पर यूरिया की कमी ने खुले बाजार का भाव बढ़ाया



टाईम्स आॅफ कुशीनगर व्यूरो।
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सहकारी समितियों और इफ्को के गोदामों से मिलने वाली यूरिया के लिए किसान तरस गये है। ऐसे में सहकारी गोदामों पर यूरियां की कमी ने खुले बाजारों में मिलने वाली यूरिया का भाव बढ़ा दिया। तीन सौ चैतीस रूपये प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया अब 450 रूपये में मिलने लगी है।
ज्ञातव्य हो कि फसलों की हरियाली के लिए और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसान यूरिया खाद का उपयोग करते है। इस समय रबी फसलों का सत्र है। किसान रबी की प्रमुख फसल गेहूं के साथ गन्ना, सरसो, आलू व सब्जियों की खेती किये है। रबी की इन फसलों के लिए वर्तमान मौसम में यूरिया खाद की खपत अधिक होती है। जिससे इस मौसम में यूरियां की मांग भी बढ़ जाती है।
जिले में खाद के लिए किसान सहकारी समितियों और इफकों के गोदामों पर निर्भर है। ऐसे में सहकारी समितियों पर यूरिया की कमी ने खुले बाजारों में यूरिया का भाव बढ़ा दिया है। जिसका प्रभाव किसानों साफ नजर आ रहा है। किसान हताश होकर खुले बाजार से यूरिया खरीदने पर मजबूर है।  
एक नजर सरकारी आकड़ों पर डाले तो दिसंबर माह में 10800 मीट्रिक टन के सापेक्ष मात्र 4400 मीट्रिक टन यूरिया ही कुशीनगर को मिल सकी थी। किसानों का कहना है कि कुछ दिनों पूर्व गोदामों पर अल्प मात्रा में आया था। गोदामों पर यूरिया नहीं आने से किसान मजबूरी में बाजार से यूरिया खरीदने को विवश हैै।
ऐसे में खाद के ठोक व्यवसायी यूरिया को रोक-रोक बेच रहे है। जिससे खुले बाजार में भी यूरिया की अभाव की स्थिति है। वही बढे हुए भाव से किसानों को प्रचूर मात्रा में यूरिया मिल जा रही है।
यूरिया की इस स्थिति के बारे में जिला कृषि अधिकारी उमेश गुप्ता ने बताते है कि जिले के लिए 45 हजार मीट्रिक टन यूरिया आवंटित है। अब तक 24 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति मिली है। आपूर्ति की गति बढ़ाने का प्रयास हो रहा है।

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