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कुशीनगर मेें फिर रौंदे गए पुरातत्वीक अवशेष, टूट गये सारे नियम कानून


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों
कुशीनगर। भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर में नव बर्ष का अगाज पुरातत्व अवशेषों के लिए भारी पड़ गया। साथ ही उनके क्षरण का खतरा बढ़ गया ।इसके लिए विभाग द्वारा जारी स्पष्ट दिशा निर्देश भी काम नही आ सका।
बौद्ध अनुआयियो की धर्म स्थली कुशीनगर में नव बर्ष के अवसर पर पूर्वांचल के तमाम इलाकों के साथ नेपाल के लोग नव बर्ष की खुशिया मनाने आते है। ऐसे में कुशीनगर में काफी भीड़ जमा हो जाती है। 
2015 के आगमन की खुशियां जाहिर करने के लोग कुशीनगर पुहचे हुए थे। जहां उन्होने अपनी खुशी के आगें अमुल्य सम्पदा पूरातत्व अवशेषों को जर्बजस्त नुकसान पहुचाया। कुशीनगर के पुरावशेष बौद्ध अनुयाईयों के लिए पूजनीय हैं और ऐतिहासिक धरोहर भी हैं। इस पर चढ़ना वर्जित है, लेकिन नव वर्ष मेले के रेले में लोगों ने यह नियम कानून तोड़ दिया।
लोग इस पर चढ़ कर खूब उछल कूद किए, जिससे गार्डेन तथा खंडहरों का भी नुकसान हुआ है। हालाकिं सुरक्षा की दृष्टि से कुशीनगर में काफी पुलिस बल की व्यवस्था थी। लेकिन इसके बावजूद भी पूरातत्व अवशेषों को बचाने में पुलिस नाकाम साबित हुयी।
इस सम्बन्ध में पुरातत्व अधीक्षक कुशीनगर ए सी त्रिपाठी ने बताया कि नव बर्ष के अवसर पहुची भीड़ ने पूरातत्व अवशेषों को काफी नुकसान पहुचाया है। इसके लिए बकायदे बर्जित शब्द का प्रयोग करते हुए बोर्ड लगाये गये है। फिर भी लोगों ने इसे ध्यान दिया। 



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.................................TIMES OF KUSHINAGAR