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योजनाओं के लाभ से आज भी दूर है गरीब


कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गरीबों के सर्वागिण विकास के लिए चलायी जारही भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पूरी तरह फ्लाप है। यहां पात्र चक्कर लगा रहे और मालामाल लोग इसका लाभ ले रहे है और प्रशासन इनके जाॅच के लिए शिकायत का इन्तजार कर रहा है।

ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर के बीपीएल सूची में इस समय कुल 190142 (एक लाख नब्बे हजार एक सौ बयालिस) परिवार शामिल हैं। जिसके अधार पर इन्दिरा आवास, सहित तमाम योजनाओं का लाभ दिया जाता है। बीपीएल की स्थाई सूची में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कुछ न कुछ खेल करके धन का बंदरबांट कर लिया जाता है।
हेरा-फेरी के इस खेल में गांव से चली सूची में विकासखण्ड से लेकर जनपद स्तर तक आते-आते कई बार क्रमांक नंबर और नाम बदल कर अपने चहेतों को लाभ दिला दी जा रही है। यह खेल लगभग सभी गांवों में ग्राम पंचायत अधिकारी के माध्यम से किया जाता है। यदि स्थाई पात्रता सूची की जांच ठीक से करा ली जाए तो स्थिति साफ हो जाएगी। पिछले वित्तीय वर्ष में 34800 इंदिरा आवास कुशीनगर को मिला।

लेकिन लक्ष्य के करीब पहुंचे प्रशासनिक स्तर पर 20 हजार इंदिरा आवास वापस कर दिया गया। अब 14800 इंदिरा आवास बचे हैं। सुकरौली विकास खंड के गांव गिदहां धनहां में चहेतों को आवास दिलाने के लिए खण्ड विकास अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से 32 अपात्रों को पात्र बना दिया गया था जिसे मुख्य विकास अधिकारी के यहां पकड़ा गया। बहुत ऐसे गरीब हैं जो तहसील दिवसों में आवास व अन्य सरकारी सुविधाओं के लिए के लिए चक्कर लगाते रहते है फिर भी उनको कुछ नही मिलता। इसके बावजूद इन गरीबों पर प्रशासन की निगाह नहीं जा रही है। अधिकारियों की निगाह में कोई पात्र अब बचा ही नहीं है।



ऐसे ही कुशीनगर के सेवरही विकास खंड के पकडि़यार पूरब पट्टी में जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई जांच में सूची के क्रमांक संख्या 7856 शिशु देवी के पति जानकी पाल रेलवे के सेवानिवृत्ति कर्मचारी हैं तो मालती देवी पत्नी मंशा यादव का नाम 7874 पर अंकित है। 7935 पर अंकित नाम अम्बिका प्रसाद का है जिनके पास पक्का मकान है इसके बावजूद इसका लाभ उन्हंे मिला है। सुकवरिया पत्नी भुआल का नाम सूची में 7995 पर अंकित है, जबकि इस पर कटिंग करके भुआल उर्फ लक्ष्मी बनाया गया है।

इंदिरा आवास के पात्रता सूची में हेरफेर करने वाले पडरौना विकास खंड के 10 ग्राम विकास अधिकारियों को जिलाधिकारी ने पिछले अक्टूबर माह में निलम्बित किया था, बाद में सभी बहाल भी हो गए।

वही पडरौना नगर से सटे भरवलिया के शंकर, नौका टोला की बेचनी, भंवर, बिपत आदि ऐसे लोग हैं जिनके घर रोज चूल्हा नहीं जलता। रहने के लिए समुचित घर नहीं है। वदहाली के शिकार ये लोग किसी तरह अपना गुजर बसर करते हैं। गरीबों के लिए कौन-कौन सी सरकारी योजनाएं हैं इन्हें नहीं मालूम। पडरौना विकास खंड के बढ़वलिया गांव निवासी शिव प्रसाद, संजय, अनिरुद्ध, रामनिवास का बीपीएल सूची में नाम होने के बावजूद इन्हें आवास तो दूर बीपीएल राशन कार्ड आज तक नही मिला है। 

उसी गांव में प्रभावशाली लोगों को इन्दिरा आवास के लिए धन मिला पर वे आवास का निर्माण नहीं कराए। ऐसे ही मामले बसहियां-बनबीर पूर, जगंल बनबीरपूर, घोरघटिया, आदि तमाम गांवों में देखने को मिले है पर कुछ भी नही हो सका स्थिति ऐसी है कि आज भी मालामाल लाभ ले रहे और गरीब की झोपड़ी पक्के मकान के लिए तरस रही है।

इस सम्बन्ध में कुशीनगर में विकास कार्यो का संचालन करने वाले मुख्य विकास अधिकारी जनार्दन बरनवाल ने बताया कि शिकायत मिलने पर जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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