Breaking News

कुशीनगर में अभिभावकों के जेब काटने का सिलसीला शुरू


कुशीनगर । विद्यालयों के खुलने के साथ ही उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अभिभावकों के शोषण का सिलसिला भी शुरू हो गया है इस मामले में निजी विद्यालय सबसे आगे हैं।

सोमवार को स्कूल कालेज खुलने के साथ ही अभिभावकों की जेब पर डाका डालने का कार्य विद्यालयों के प्रबन्ध तंत्र द्वारा शुरू हो गया है। माध्यमिक विद्यालयों में टीसी बनवाने के लिए फार्म से लेकर टीसी देने तक पचास रुपये की वसूली की जा रही है।

कक्षा 6 में प्रवेश के लिए फार्म पचास रूपये एवं 9 व 11 में प्रवेश के लिए फार्म सौ रुपये का दिया जा रहा है। प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने के बाद पूरा शिक्षण शुल्क एवं पांच सौ रूपये से लेकर एक हजार रूपये तक डोनेशन फीस भी वसूली जा रही है। यदि विज्ञान वर्ग में छात्र प्रवेश लेना चाहते हैं तो यही शुल्क एवं डोनेशन दो गुना एवं तिगुना कर दिया जाता है। निजी स्कूलों की हालत तो बेहद खराब हैं।

इतना ही नहीं सी बी एस सी बोर्ड के नाम पर प्रवेश फार्म के नाम पर ही दो सौ रुपये से लेकर पांच सौ रुपये तक की वसूली की जाती है। डोनेशन एवं फीस के नाम पर पांच हजार से लेकर दस हजार रुपये तक की खुलेआम वसूली की जा रही है। डोनेशन फीस विद्यालय की साख के अनुसार कम और अधिक हो जाती है।


पडरौना स्थित एक निजी कान्वेंट स्कूल में यूकेजी में प्रवेश के लिए पन्द्रह हजार रुपये लिए जा रहे हैं। इसके अलावा बस का किराया, यूनीफार्म, कापी किताब, बैग एवं जूता मोजा व टाई के नाम पर अलग से पैसा देना पड़ रहा है। यूनीफार्म एवं कापी किताब के नाम पर विद्यालयों के संचालकों द्वारा सीधे दोगुना ले रहे हैं। इसके बावजूद अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य के लिए जानबूझ कर गर्दन कटवा रहे हैं।

 शिक्षा का बाजारी करण देश एवं समाज के लिए अभिशाप बनता जा रहा है किन्तु शासन द्वारा शिक्षा के इन व्यवसाइयों पर न तो लगाम लगाई जा रही है न स्वयं बेहतर शिक्षा के लिए विद्यालय एवं माहौल ही तैयार कर पा रही है

कोई टिप्पणी नहीं

टिप्पणी करने के लिए आप को धन्यबाद!

.................................TIMES OF KUSHINAGAR