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आरम्भ हो गया करुणा, शील और त्याग का प्रतीक बर्षावास


कुशीनगर ।  करुणा, शील और त्याग का प्रतीक बौद्ध अनुयायियों का बर्षावास की शुरुआत भी हो गई। वर्षावास मंगलवार से शुरू होकर तीन माह तक चलेगा। इस दौरान बुधवार की रात को कुशीनगर के थाई वाट में थाईलैंड से आए बौद्ध भिक्षुओं ने विशेष अनुष्ठान कर विश्व शांति की कामना की।

ज्ञातव्य हो कि इस वर्षावास का बौद्ध अनुयायियों में विशेष महत्व है। इस दौरान बौद्ध भिक्षुओं को यात्रा करना वर्जित होता है। भिक्षु चाहे विश्व के किसी भी कोने में रहे, उन्हें वहीं रहकर बुद्ध के करुणा, शील और त्याग के सिद्धांतों का पूर्णरूपेण पालन करना होता है।

इस अवधि में अपना सारा समय लोगों की भलाई और तपस्या में लगाना होता है। गौतम बुद्ध ने श्रावस्ती के जंगलों में 24 वर्षावास किया था। थाई वाट में बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध के इसी सिद्धांत का पूरी तरह अनुसरण करने में जुट गये हैं। कुशीनगर के म्यांमार बुद्ध बिहार, जापान-श्रीलंका मंदिर, चाइनीज-वियतनामी मंदिर के बौद्ध भिक्षु वर्षावास मनाने लगे हैं।

थाई वाट् में वर्षावास के दौरान हुए कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षु पी सोम्पोंग, पी वायु, पी मोइंकोल, पी प्रीर्छा आदि ने भाग लिया।

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.................................TIMES OF KUSHINAGAR