Breaking News

असुरक्षित वाल्मिकी व्याघ्र परियोजना क्षेत्र से पुनः भटकी बाघिन


दहशत में रियासी इलाके

कुशीनगर। वन सम्पदा की असुरक्षा के चलते पुनः वाल्मिकी व्याघ्र परियोजना से रियासी इलाकों में भटकर बाघिन आ गयी है। बाघिन के चहलकदमी से दियारावासियों व किसानों में काफी दहशत हो गयी है।

बताते चलें कि इधर कुछ दिनों से सीमावर्ती बिहार प्रांत के असुरक्षित वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना से वन्यजीवों के भटककर रिहायशी इलाकों में विचरण करने की गतिविधियां काफी तेज हुई हैं। 

तीन महीने पूर्व कुशीनगर के जिला मुख्यालय पडरौना में वाल्मिकी व्याघ्र परियोजना से भटककर आये एक बाघिन ने अपनी उपस्थित शहर के अंदर दर्ज करायी थी। वन्य जीवों के विचरण करने का सिलसिला नहीं थमा है।

ऐसे ही खड्डा थानाक्षेत्र के ग्राम सभा भेड़ी जंगल में एक तेंदुए के विचरण करने के दरम्यान उसे मारे जाने की भी खबर र्चचा में रही। इसके अलावा खड्डा थानाक्षेत्र के ही रामपुर गोनहा के क्षेत्र में जंगल से भटककर आये एक बाघ के चहलकदमी से वहां के किसानों में काफी दिनों तक दहशत व्याप्त रही।उस बाघ ने एक पड़वा का भी शिकार किया था।

इन घटनाओं के बाद इधर एक सप्ताह से खड्डा व हनुमानगंज थानाक्षेत्रों के दियारा क्षेत्र में नियमित एक बाघिन सहित दो शावकों के विचरण करने की खबर मिल रही है। हनुमानगंज थानाक्षेत्र के करमहवा में जंगली चैहान के गन्ने के खेत के समीप एक बाघिन के दिखायी देने की पुष्टि गांव के गोपीचंद, रामानंद, नागेश्वर यादव, हरिद्वार साहनी आदि ने की है।

इन लोगों ने इसकी सूचना वन क्षेत्राधिकारी खड्डा को दी, जिसपर वन क्षेत्राधिकारी दिलीप श्रीवास्तव ने दियारा का खाक छानते हुए उक्त बाघिन के फुटमार्क ढूढ़ते नजर आये, लेकिन वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि तेज बारिश व कीचड़ आदि होने से फुटमार्क खोजने में दिक्कत हो रही है।

वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के प्रभारी संतोष तिवारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश व बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में बाघिन के चहलकदमी की खबर पर अलर्ट जारी कर दिया गया है। 

कोई टिप्पणी नहीं

टिप्पणी करने के लिए आप को धन्यबाद!

.................................TIMES OF KUSHINAGAR