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उच्च न्यायालय के आदेश के बाद खिल उठे गन्ना किसानों के चेहरे



कुशीनगर। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद गन्ना किसानों में अपने गन्ना मुल्य को लेकर उत्साह की किरण फूट पड़ी है। किसानों की आशाएं फिर से प्रबल हो गयी है लेकिन विभाग अभी सुस्त है। 


उत्तर प्रदेश के कुशीनगर छह सप्ताह में बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने के हाईकोर्ट के आदेश पर किसानों खुश नजर आ रहे है। उन्हें यह लग रहा है कि अब हर हाल में उनके गन्ना मुल्य का भुगतान सुनिश्चित हो जायेगा। वही हालांकि गन्ना विभाग की तैयारियों को देख कर ऐसा आभास हो रहा है कि यह काम तय समय में नही हो पाएगा।
गन्ना विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में अपने उच्चाधिकारियों के निर्देश का इंतजार है। गन्ना विभाग का दावा है कि जनपद में 85.02 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान हो चुका है।

ज्ञातव्य हो कि जनपद की खड्डा चीनी मिल को छोड़ दिया जाए तो किसी भी मिल ने किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया है। जबकि पेराई सत्र समाप्त हुए पांच माह बीत चुका है। किसान गन्ना मुल्य को पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। गन्ना विभाग और प्रशासन की बात करें तो ये लोग पहले ही मिलों के गोदामों को सील कर उसमें से से निकलने वाली चीनी के मिलने वाले धन का 85 फीसदी गन्ना मूल्य के भुगतान खाते में जमा करा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश गन्ना सट्टा नीति के तहत चीनी मिलों को गन्ना सप्लाई लेने के 15 दिन के अंदर भुगतान करना होता है। अगर मिल इस तय समय सीमा के अंदर किसान को भुगतान नहीं कर पाती है तो ब्याज भी देना होता है। इसके बावजूद जनपद की चीनी मिलों को गन्ना सप्लाई करने वाले किसान गन्ना मूल्य के लिए परेशान हैं।

इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी डी के सैनी का कहना है कि कोर्ट के आदेश की सूचना मिली है इसके सम्बन्ध में उच्चधिकारियों के निर्देशानुसार कार्यवाही की जायेगी।

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