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बन्धों पर नारायणी का दबाव, खतरे में पड़े गांव



कुशीनगर । हिमालाय के पर्वतीय इलाके से भारत की पूर्वी उत्तरी मैदानी इलाको को प्रभाबित करने वाली नारायणी अब विकाराल रूप लेती जा रही है। इधर पानी की भयावह स्थिति ने कई बन्धो पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है ।

मिली जानकारी के अनुसार कुशीनगर जनपद के उत्तरी छोर पर नारायणी नदी का छितौनी तटबंध के भैंसहा गेज पर नारायणी का जलस्तर बीते शाम 4.00 बजे 95.26 था। जो रात में बढ़कर 95.56 हो गया। नारायणी के जलस्तर में आई तेजी पर गौर करें तो भैंसहा गेज के समीप चेतावनी बिन्दु 95.00 है। शाम 4.00 बजे नारायणी का जलस्तर चेतावनी बिन्दु से 26 सेमी ऊपर था और रात में 30 सेमी बढ़कर 95.56 हो गया था। वही शुक्रवार की सुबह 8.00 बजे भैंसहा के समीप नारायणी का जलस्तर 95.50 सेमी मापा गया। इस प्रकार बीती रात से सुबह 8.00 बजे तक नारायणी के जलस्तर में 6 सेमी की गिरावट दर्ज की गई।

नारायणी के जलस्तर में कमी आने के बाद तटबंधों पर नारायणी का दबाव कुछ बढ़ा है तो नदी उसपार नरायनपुर, हरिहरपुर, बालगोविन्द छपरा, बकुलादह, मरिचहवा आदि गांवों पर कटान का खतरा बरकरार है। नारायणी द्वारा किये जा रहे कटान से ग्रामीण काफी भयभीत व दहशत में हैं। राजस्व विभाग की टीम इन गांवों पर नजर रखी हुई है। रेता के निजामुद्दीन, सचिन्दर के अलावा नरायनपुर के ग्राम प्रधान नरसिंह ने बताया कि रात में नारायणी का पानी गांव में पुनः प्रवेश कर गया था जो अब धीरे-धीरे निकल रहा है लेकिन गांव पर खतरा बरकरार है।


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