परिवहन निगम की बसे अब कुछ ही दिनों में नाचेगीं इन्टरनेट के इशारे पर
बसों में लगेंगें जीपीआरएस डिवाईस, इन्टरनेट से जुड़ जायेगें चालक और परिचालक
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के परिवहन निगम की बसे अब कुछ ही दिनों में अत्याधुनिक हो कर इन्टरनेट के इशारे पर नाचना शुरू कर देगी । बसों की हर गतिविधियों पर पूरी नजर रखने के लिए जीपीआरएस डिवाइस लगाये जाने की योजना बनायी गयी है । इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद परिवहन निगम बस चालकों और परिचालकों को नियन्त्रित कर सकेगा।
इसके बाद प्रदेश में रोडवेज की कौन-सी बस कहां चल रही है, उसमें कितने यात्री सवार हैं और कौन बस कितने बजे पहुंचेगी, इन सबकी जानकारी तत्काल मालूम की जा सकेगी। परिवहन निगम में पूरी तरह ट्रैकिंग व्यवस्था शुरू हो जाएगी। जिससे बस खड़ा करने के निर्धारित स्थान से अलग जगह सवारियां चढ़ाने और उतारने वाले चालकों एवं परिचालकों की निगरानी हो सकेगी। जहां-तहां बसों के खड़े होने पर रोक लगने से जाम की समस्या से भी कुछ हद तक निजात मिलेगी।
बताया जा रहा है कि हर बस, चालक और परिचालक का डाटा कंप्यूटर में फीड होगा। साथ ही परिचालकों को आधुनिक ईटीएम दिया जाएगा। सबकुछ सेटेलाइट सिस्टम से संचालित होगा। परिचालकों के पास जो अत्याधुनिक ईटीएम होगी, वह सेटेलाइट से कनेक्ट होगी। इससे काटे गए टिकटों की जानकारी तुरंत मिल जाएगी।सेटेलाइट सिस्टम से लैस होने के बाद परिवहन निगम रोडवेज बसों के रूट से लेकर बस में सवार यात्रियों की संख्या पर नजर रख सकेगा।
बसों का लोकेशन कभी भी कंप्यूटर की स्क्रीन पर देखी जा सकेगा। यानि परिवहन निगम रोडवेज की बसों पर हर वक्त नजर रख सकेगा। बस की जानकारी लेने पर चालक और परिचालक का फोन नंबर भी सामने आ जाएगा। बसों में जीपीआरएस डिवाइस लग जाने से यात्रियों को भी यह मालूम चल सकेगा कि कौन सी बस कितने बजे पहुंचेगी।
यात्रियों को सबसे बड़ी सहूलियत यह मिलेगी कि यदि सवारी रास्ते में किसी वजह से उतर जाती है और उसका सामान बस में छूट जाए तो यात्री निकटतम रोडवेज डिपो पर पहुंचकर अपने सामान छूटने की सूचना बस के परिचालक को दे सकता है। इससे उसका सामान भी मिल जाएगा। जानकारी के मुतजाबिक यह सबकुछ आने वाले मार्च 2014 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने इसकी घोषणा भी कर दी है।
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