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संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को दे दी गयी फासी



नई दिल्ली। संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को शनिवार सुबह आठ बजे फांसी दे गई। राष्ट्रपति द्वारा अफजल गुरु की दया याचिका खारिज करने के बाद तिहाड़ जेल में उसे फांसी पर लटकाया गया। गृह सचिव आर के सिंह ने इसकी पुष्टि कर दी है। 

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तीन फरवरी को अफजल की दया याचिका को नामंजूर करते हुए उस पर दस्तख्त किए। उसके बाद मैंने चार फरवरी को फांसी दिए जाने के लिए दस्तख्त किए। फिर कोर्ट ने अफजल को फांसी दिए जाने के लिए नौ फरवरी की तारीख मुकर्रर की । जिसके अनुसार शनिवार सुबह आठ बजे फांसी दे दी गई। वहीं, गृह सचिव आर के सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका नामंजूर करने के बाद गृह मंत्रालय ने कानूनी प्रक्रिया के अंतिम चरण को पूरा करने की कार्यवाही शुरु की। फांसी दिए जाने की सूचना अफजल गुरु के घरवालों को दे दी गई थी।  

ज्ञातव्य हो कि13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमले का मास्टरमाइंड अफजल गुरु पिछले 11 साल से तिहाड़ जेल के एक अति सुरक्षित सेल में बंद था। पिछले दिनों 26ध्11 के पाकिस्तानी आतंकी आमिर अजमल कसाब को पुणे के यरवदा जेल में 21 नवंबर को फांसी पर लटकाने के बाद से ही अफजल गुरु को भी जल्दी फांसी देने की मांग तेज हो गई थी। 

जिसको लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार सुबह श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न इलाकों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है। जानकारी के अनुसार किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। अफजल को फांसी दिए जाने से प्रशासन को कश्मीर में हालात बिगडने की आशंका है। स्थिति को काबू में रखने के लिए ही एहतियातन कर्फ्यू लगाया गया है। पाकिस्तान से लगे सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। दिल्ली में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
सरकार ने अजमल कसाब और अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने को बेहद गोपनीय रखा लेकिन इन दोनों फैसलों से सरकार ने बता दिया है कि आतंकवाद के मुद्दे को वह बहुत ही कड़ाई से निपटने वाली है। 

जानकारी के अनुसार अफजल को तिहाड़ के जेल नंबर तीन में फांसी दी गई। फांसी देने की कार्यवाही इतनी गोपनीय थी कि जेल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी इसकी भनक तक नहीं लगी। सूत्रों के अनुसार, अफजल के शव को तिहाड़ जेल के अंदर ही दफना दिया गया।   

इसको लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि यह देर से लिया गया राष्ट्रिय हित का फैसला है। अफजल गुरु भारतीय लोकतंत्र के मंदिर पर हमला करने का दोषी था, पूरा देश चाहता था कि अफजल को फांसी दी जाए। 

वही इस सम्बन्ध में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि यह संसद हमले में शहीद हुए नौ सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि है। भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने को प्रतिबद्ध है।    

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