Breaking News

कुशीनगर में भारतीय संस्कृति के साथ थाई कलाकारों का अनुथा संगम


कसया । माघ पुर्णिमा के अवसर पर भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर में भारतीय संस्कृति के साथ थाई कलाकारों का अनुथा संगम दिखा।

थाई बाट मन्दिर से माघ पूणिर्मा के अवसर पर बुद्ध की अस्थि शोभा यात्रा में निकाली गयी। रविवार को अस्थि शोभायात्रा को थाई वाट मन्दिर  से डीएम रिग्ंजयान सैंफिल ने चीवर दान की औपचारिकता पूरी कर रवाना किया।

थाई वाट से निकली शोभायात्रा देर शाम महापरिनिर्वाण मंदिर पहुंची। मुख्य मंदिर में थाई बौद्ध भिक्षु पी खोमसांग और फ्रा राज रत्न रंगसी की अगुवाई में बौद्ध भिक्षुओं ने पूजन अर्चन कर विश्व शांति की कामना की। थाई वाट से मुख्य मंदिर के रास्ते में शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ। पारंपरिक थाई परिधान में सजे थाई कलाकारों का नृत्य देखने के लिए सड़क के दोनों ओर लोगों का हुजूम एकत्रित हो गया। 
भारत, थाईलैंड के राष्ट्रीय ध्वज को थाम कर चल रहे थाई कलाकार दोनों देशों की मैत्री को प्रगाढ़ होने का संदेश दे रहे थे तो पारंपरिक थाई वाद्य यंत्रों का संगीत प्राचीन थाई संस्कृति को दर्शा रहा था। शोभा यात्रा में हाथी और ऊंट भी शामिल रहे। 

बुद्ध इंटर कालेज के एनसीसी के जवान भी शोभा यात्रा में शामिल हुए। उप निदेशक पर्यटक बौद्ध परिपथ पीके सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से ही बौद्ध सर्किट में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। 

कोई टिप्पणी नहीं

टिप्पणी करने के लिए आप को धन्यबाद!

.................................TIMES OF KUSHINAGAR