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भारत में चुम्बन खुली जगह जारी


नई दिल्ली।  भारत के कई प्राचीन गुफाओं और खंडहरों में शिल्पकारों ने भले ही तमाम मूर्तियों को नग्न उकेरा हो, कई जोड़ों को आलिंगन में और चुंबन की मुद्रा में दिखाया हो पर खुले तौर पर इन तमाम रुमानियत के प्रतीक शिलाखंडों के अहसास को खंडित करते हुए यहां प्रेमी प्रेमिकाओं का खुले आम किस करना पाश्चात्य सभ्यता की देन माना जा रहा है।

कामसूत्र का जन्म भले ही भारत में हुआ है। लेकिन अभी कुछ सालों पहले तक खुले तौर पर भारतीय जोड़ियां एक दूसरे के बाहों में या फिर एक दूसरे को चुंबन लेते नहीं दिखायी देते थे। पर अब हर जगह पब्लिक पार्को में कई जोड़ियां एक-दूसरे की बाहों में तो दिखते ही हैं साथ ही लिप लॉक किस करते भी देखे जा सकते हैं। 

एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार भारत में ज्यादातर शादियां अरेंज्ड होती हैं और शादी के पहले सेक्स के आंकड़े भी कम है। इन सब कारणों से शादी से पहले किसिंग को बुरी नजरों से देखा जाता था। यहां तक की शादी शुदा जोड़े भी खुले आम एक दूसरे को किस करने में झिझकते थे। पर अब जमाने के साथ भारत में भी लिव-इन रिलेशनशिप का चलन बढ़ा है। साथ ही आज की युवा जोडि़यों ने प्यार किया तो डरना क्या का फार्मूला अपना लिया है। पहले के प्रेमी प्रेमिकाओं का प्यार बस आंखों ही आंखों में रह जाता था। पर अब वो जमाने लद गए।

वर्तमान शोध भी इस बात का समर्थन करते हैं। भारत में पहले की तुलना में किसिंग का चलन अब बढ़ गया है। यहां तक कि आज हर बात पर आई लव यू कहते दिखने वाले कपल्स की पुरानी पीढ़ी को देखें तो शायद ही उनमें कोई ऐसी जोड़ी दिखे जिन्होंने अपने जमाने में लंबे कोर्टशिप व गहरे प्यार होने के बावजूद प्यार का इजहार करने में इन तीन शब्दों का सहारा लिया हो।


डाक्टर रिजवान  ने बताया कि न तो मैंने अपनी पत्नी आलिया  को कभी आइ लव यू कहा और न मेरे पिता ने पिछले 67 वर्ष में मुझे कभी आइ लव यू बोला। हम ऐसा नहीं करते थे। अब इसे पाश्चात्य संस्कृति कह लें या आधुनिकता का नया साया, चुंबन हमेशा से प्यार का प्रतीक रहा है चाहे वह कई पर्दो के पीछे हो या फिर खुले आम किसी पार्क में। एजेंसी 

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