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बलात्कार का अपराध ‘दुर्लभतम’ अपराधों की श्रेणी में नहीं आता-जे. एस. वर्मा जाच समिति




नई्र दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की हुई बैठक में बलात्कार के दोषियों के खिलाफ कड़े कानून से जुड़ा अध्यादेश पारित कर दिया है. इसमें जघन्य मामलों में मौत की सजा या उम्र कैद की सजा की भी बात की गई है. ये अध्यादेश अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक पिछले साल दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार के बाद न्यायमूर्ति जेएस वर्मा के नेतृत्व में जाँच समिति गठित की गई थी. इस समिति ने व्यापक प्रशासनिक सुधारों की सिफारिश की थी पर बलात्कारी को मृत्युदंड से इनकार कर दिया था। 

प्रस्तुत रिपोर्ट की कुछ मुख्य सिफारिशें इस प्रकार रही-जिसमें कहा गया कि बलात्कार का अपराध ‘दुर्लभतम’ अपराधों की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि इसमें कई बार हत्या की मंशा साबित करना मुश्किल होता है। इसलिए इसके लिए मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता। बलात्कार जैसे अपराध के दौरान अगर पीडि़त की हत्या कर दी जाती है या फिर वो इस कदर घायल हो जाती है कि सामान्य जीवन बिताने लायक नहीं रहती तो अपराधी की न्यूनतम सजा उम्रकैद होनी चाहिए। यौन अपराधों की परिभाषा को व्यापक किया गया है और इसमें परेशान करना, ताकाझाँकी, छेड़छाड़, यौन इरादे से छूना आदि शामिल है। इन अपराधों के लिए तीन से पाँच साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। बलात्कार की शिकार महिला की मेडिकल जाँच को आसान बनाया जाए। पुलिस पूछताछ में संवेदनशील तरीके से पेश आया जाए और जाँच प्रक्रिया और सुनवाई जल्दी पूरी हो। कश्मीर और उत्तर-पश्चिमी राज्यों में तैनात सैनिक, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लोग अगर यौन अपराध करते हैं तो उन पर आम अदालत में मुकदमा चलाया जाए और विशेष कानून के तहत उनका बचाव न किया जाए।

इस बीच बताया गया है कि संसद का बजट सत्र 21 फरवरी से शुरु होगा. और आम बजट 28 फरवरी को पेश किया जाएगा। रेल बजट 26 फरवरी को पेश किया जाएगा. ये फैसला संसदीय कार्यों की कैबिनेट समिति ने लिया जिसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

कानून मंत्री अश्विनी शर्मा ने पत्रकारों को बताया, केंद्रीय केबिनेट ने आपराधिक कानून शंशोधन अध्यादेश पर चर्चा की. इस चर्चा में कानून के मूल रुप और जे एस वर्मा कमेटी की सिफारिशों पर चर्चा हुई। केबिनेट ने इस अध्यादेश को पारित कर दिया है और राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए इसे भेज दिया गया है. इससे हमारी बहनें और सभी नागरिक सुरक्षित हो सकेंगे।

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