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ऐसे भी देश जहां नही रखे जा सकते मां वाप अपनी मर्जी से बच्चों के नाम




आइसलैंड (एजेन्सी)। विष्व में ऐसे भी देश है जहां मां वाप अपनी मर्जी से बच्चों के नाम नही रख सकते उन्हे परमिषन लेनी पड़ती है ।
आइसलैंड की एक 15 वर्षीय लड़की के मामले में अदालत ने हुक्म सुनाया है कि वो अपने नाम का इस्तेमाल कर सकती है, हालांकि इस नाम को प्रशासन की स्वीकृत नहीं है।
लोगों को वैसे ही इस तरह का नाम चुनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जो माता-पिता दोनों को पसंद हो, उस पर से अगर उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना पड़े कि वो नाम प्रशासन के लिए मान्य हो, तो ये तो बड़ा जटिल काम है।
ज्ञातव्य हो कि बियोग ने 15 साल पहले जब अपनी बेटी का नाम ब्लेयर रखा था तो उन्हें इस बात का बिल्कुल अंदाज नहीं था कि वो कानून का उलंघन कर रही हैं। अधिकारियों का कहना था कि ब्लेयर के माइने हैं - हवा का हल्का झोंका, जो लड़कों के लिए मान्य है, और इसलिए ये एक लड़की का नाम नहीं हो सकता। नतीजा ये हुआ कि प्रशासनिक दस्तावेजों में ब्लेयर के नाम की जगह महज लड़की शब्द का प्रयोग होता रहा। लेकिन एक स्थानीय अदालत ने गुरूवार को अपने फैसले में कहा है कि ब्लेयर एक लड़की का नाम भी हो सकता है। केस का फैसला आने के बाद युवती ने कहा, अब मेरे पास्पोर्ट में ब्लेयर शब्द जुड़ गया है। क्या वजह है कि जर्मनी, स्वीडन, चीन और जापान जैसे मुल्क नामों को लेकर कई तरह की सीमाएं लगाते हैं?


जनकारी के अनुसार यूजीलैंड में आप बच्चे का नाम 4रियल नहीं रख सकते, क्योंकि ये अंक 4 से शुरू होता है। जापान में भी 1993 में माता-पिता बच्चे का नाम अकुमा नहीं रख सके, क्योंकि इसका अर्थ होता है - शैतान, जर्मनी में एक माता-पिता अपने बच्चे का नाम बर्लिन रखने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा।जर्मनी में एक माता पिता अपने बच्चे का नाम ओसामा बिन लादेन नहीं रख पाए। आइसलैंड के मामले मे नामों को व्याकरण और लिंग के कुछ आधारों पर खरा उतरना पड़ता है. कई बार अधिकारी इस बात पर भी जोर देते हैं कि नाम ऐसा होना चाहिए जिसे स्थानीय भाषा में लिखा जा सके. हालांकि बाद वाले नियम का सख्ती से लागू किया जाना जरूरी नहीं है।

प्रशासन ने लड़कियों के लिए 1,712 और लड़कों के लिए 1,853 नामों की एक सूची बना रखी है. या तो माता-पिता को बच्चे या बच्ची का नाम इस लिस्ट से चुनना होता है, या उन्हें एक विशेष समिति से नाम की अनुमति लेनी पड़ती है। जर्मनी में हाल में एक माता-पिता को अपने बच्चे का नाम ओसामा बिन लादेन रखने की इजाजत नहीं मिली। एक माता-पिता अपने बच्चे का नाम बर्लिन रखना चाहते थे, क्योंकि उन दोनों की मुलाकात वहीं हुई थी, लेकिन पंजीकरण अधिकारी ने इस पर आपत्ति उठा दी, इस दंपति को बच्चे का नाम बर्लिन रखने की इजाजत तब मिल पाई जब उनके वकील ने दलील दी कि अदालत एक बच्चे का नाम लंदन रखने की इजाजत दे चुकी है,न्यूजीलैंड में आप बच्चे का नाम 4रियल नहीं रख सकते, क्योंकि ये अंक 4 से शुरू होता है,जापान में भी 1993 में माता-पिता बच्चे का नाम अकुमा नहीं रख सके, क्योंकि इसका अर्थ होता है- शैतान.,चीन में बहुत सारे लोगों को नाम बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उसका कोई अर्थ नहीं था।

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