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पूर्वांचल में भी पुनरीक्षित त्वरित विद्युत विकास एवं सुधार कार्यक्रम के बकायद तेज




कुशीनगर । पश्चिमी उत्तर प्रदेश  की तर्ज पर पूर्वांचल के जिलों में भी पावर कार्पोरेशन ने बिजली चोरी रोकने के लिए कवायद शुरू कर दी है। विद्युत विभाग ने ‘पुनरीक्षित त्वरित विद्युत विकास एवं सुधार कार्यक्रम’ के तहत इस क्षेत्र में भी विद्युत ट्रांसफार्मरों और बिजली के खंभों पर इलेक्ट्रानिक विद्युत मीटर लगाने के लिए आवश्यक डाटा तैयार करने का में लगा है।

यह काम पूरा होते ही यहां भी इलेक्ट्रानिक विद्युत मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। ज्ञातव्य हो कि ओवरलोड के चलते ट्रांसफार्मर आए दिन खराब हो जा रहे हैं, दुसरी तरफ बिजली चोरी के चलते विद्युत आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। विद्युत चोरी रोकने के लिए विद्युत विभाग समय-समय पर छापा मारने के साथ अभियान भी चलाता है, फिर भी कटिया कनेक्शन पर अंकुश नहीं लग पाता है।

बिजली चोरी रोकने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में प्रयोग शुरू करने के बाद पावर कारपोरेषन ने अब पूर्वांचल में भी यह प्रयोग शुरू कर दिया है। इसके तहत पहले ट्रांसफार्मरों पर इलेक्ट्रानिक मीटर लगाए जाएंगे और इसके बाद बिजली के खंभों पर भी मीटरलगाये जाने है।

इससे पता चल सकेगा कि ट्रांसफार्मर तक कितनी बिजली मिल रही है, तथा ट्रांसफार्मर से विद्युत पोल और उपभोक्ताओं के घरों तक कितनी आपूर्ति हो रही है। इस बीच कितनी यूनिट बिजली का क्षरण हो रहा है।

विभाग का मानना है कि इस दरमियान निगरानी से कटिया कनेक्शन लगाकर बिजली चोरी करने वाले या तो आदत छोड़ देंगे या खुद कनेक्शन ले लेंगे। यहां बता दें कि अभी हाल ही में विद्युत विभाग ने आरएपीडीआरपी के तहत आनलाइन बिलिंग और ई-पेमेंट की व्यवस्था शुरू की।

इसके तहत नए ट्रांसफार्मर लगाने के साथ-साथ रीयल फंड कंडक्टर भी लगाए जाने हैं, जिससे विद्युत चोरी भी रोकने में मदद मिलेगी।

इलेक्ट्रानिक मीटर लगाने से पहले सभी ट्रांसफार्मरों और बिजली के खंभों की गिनती होगी। इसके बाद उन पर नंबर डाला जाएगा। सभी विद्युत उपभोक्ताओं का डाटा तैयार करने के बाद यह मिलान किया जाएगा कि कितने वैध कनेक्शनधारक हैं।

इस सम्बन्ध एस. के. सिंह, अधिशासी अभियंता, विद्युत वितरण खंड, पडरौना-कुशीनगर ने बताया कि पुनरीक्षित त्वरित विद्युत विकास एवं सुधार कार्यक्रम के तहत ट्रांसफार्मरों और बिजली के खंभों पर इलेक्ट्रानिक मीटर लगाए जाने हैं। ऊपर से निर्देश मिला है। डाटा एकत्र करने का काम चल रहा है, सर्वे भी शुरू करा दिया गया है। काम पूरा होने के बाद इलेक्ट्रानिक मीटर लगाए जाएंगे। थोड़ा विलंब है लेकिन इस कार्यक्रम के तहत निश्चित तौर पर विद्युत व्यवस्था में सुधार आएगा और चोरी पर अंकुश लग सकेगा।




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