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गुटखा की पाबन्दी से यूपी सरकार हो सकता है करोड़ो का नुकसान


अजीत कुमार त्रिपाठी 



लखनऊ । उत्‍तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के दबाव में राज्य में गुटखे पर प्रतिबंध तो लगा दिया लेकिन सरकार के इस फैसले से शासन को प्रतिवर्ष करोड़ो रुपये का नुकसान होगा। इतना ही नहीं सैकड़ों की तादाद में लोग बेरोजगार होंगे। 

ज्ञातब्य हो की प्रदेश में गुटखा का कुल व्यापार दो हजार करोड़ रूपये का है जिसमें केन्द्र और राज्य सरकार को करों के रूप में पांच सौ करोड़ रुपए मिलते हैं जो अब नहीं मिलेंगे। करों के रूप में राज्य सरकार को दो सौ करोड़ रुपए तो केन्द्र सरकार को तीन सौ करोड़ रुपए का नुकसान होगा

प्रदेश में गुटका बनाने वाली एक हजार एक सौ इकाई है। केन्द्र की ओर से जारी खाद्य सुरक्षा कानून तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार ने गुटखा उद्योग को आगामी एक अप्रैल से पूरी तरह से बंद करने का आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी एक अप्रैल से इस पर प्रतिबंध के बाबत कहा कि इतने समय में इसके उत्पादन, रोजगार और कर्मचारियों को दूसरा काम करने तथा दूसरा उत्पादन शुरू करने का समय मिल जायेगा।

भारतीय दंत चिकित्सक एसोसिएशन के गुटखे पर प्रतिबंध के लिये दायर याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले 18 सितम्बर को राज्य सरकार को दिये आदेश में 14 दिन के अन्दर इस पर निर्णय लेने को कहा था। अदालत का कहना था कि यदि सरकार ने प्रतिबंध के बारे में निर्णय नहीं लिया तो यह काम वह खुद करेगा। उच्च न्यायालय का कहना था कि गुटखा चबाना मुंह के कैंसर के कारणों में एक है।

स्वास्थ्य के लिये यह बेहद हानिकारक है इसलिये प्रतिबंध आवश्यक है। देश में 20 करोड़ से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं। वहीं केन्द्र सरकार के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बाद गोवा, महाराष्ट्र, केरल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, 

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