अब पहले से और तेज हो जायेगी उत्तर प्रदेश की कुशीनगर पुलिस
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश की कुशीनगर पुलिस अब पहले से और तेज हो जायेगी है क्योकि अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को नये तौर तरीको पर काम करने की नवागत पुलिस अधीक्षक ने एक योजना बनायी है। इसके तहत कुशीनगर पुलिस को अचानक कन्ट्रोल रूम से दिये गये सन्देशों पर काम करना होगा।
ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर संवदेनशील जिलों में से एक है।छोटी-छोटी बात पर बड़ा विवाद खड़ा हो जाता है। खुद पुलिस के आला अधिकारी मानते हैं कि पुलिस की स्वीकार्यता (हनक) कम होती जा रही है। स्थिति ऐसी है कि यदि कहीं विवाद की स्थिति में एसओ पहुंचते हैं, तो लोग शांत नहीं होते। यदि पुलिस की स्वीकार्यता (हनक) रहे तो ऐसा नहीं होगा।

पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए नये-नये फार्मूले लागू किए जाएंगे। अचानक कंट्रोल रूम से संदेश प्रसारित कराए जाएंगे और चंद मिनटों में पुलिस को उसे फालो करना होगा। जैसे किस थाने के किस स्थान पर किस फार्मूले के तहत जांच अभियान चलाना है। इसका संदेश कंट्रोल रूम से अचानक दिया जाएगा।
इस दायरे में तेज सिपाहियों को भी लाया जाएगा। अच्छे वर्कआउट करने वालों को मनचाही पोस्टिंग का अवसर दिया जा सकता है। पुलिस के आला अफसरों की मानें तो थानों में चंद सिपाही ही होते हैं, जिनसे अच्छा करने की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन जब प्रोत्साहन मिलेगा तो और भी अच्छा करने को प्रेरित होंगे।
पुलिस के अहम अंग ग्राम चैकीदारों को भी नये फार्म में ढाला जाएगा। चैकीदारों को हफ्ते के चार दिन शाम के समय संबंधित थाने पर आमद करानी होगी। ऐसा न करने वालों का मानदेय काटा जाएगा।
पुलिस अधीक्षक कुशीनगर देवेन्द्र कुमार चौधरी बताते है कि 55 वर्ष से अधिक उम्र वाले चैकीदारों की जगह उनके वारिसों को प्राथमिकता के आधार पर नियुक्त करने की प्रक्रिया भी चलाई जा सकती है।वही दुसरी तरफ जिले के दस साल तक के पुराने हर विभागो का विवाद सम्बन्धित डाटा तैयार कराया जाएगा, ताकि इनके कारण हत्या जैसे अपराध न हों।
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