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हिरण्यावती नदी के जीर्णोद्धार की परियोजना अतिशीघ्र होगी पूरी



कुशीनगर।  भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली को अपने जल से अभिसिंचित करने वाली बौद्ध कालीन हिरण्यावती नदी के जीर्णोद्धार की परियोजना अतिशीघ्र पूरी होने वाली है।

जिला प्रशासन ने परियोजना की कार्रवाई सम्बन्धित गांव सभाओं से मंगा लिया है। जल्द ही हिरणवती नदी का कायाकल्प मनरेगा से किया जाएगा।

जिलाधिकारी आर सैम्फिल द्वारा इस नदी का कायाकल्प कराने के लिए जीर्णोद्धार परियोजना का शुभारंभ करने की कवायद हो रही है। इसके लिए ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव तैयार कर पत्रावली मंगायी गयी है। यह नदी रामकोला विकासखंड के ग्रामपंचायत सपहा से निकल कर कुशीनगर स्थित रामाभार ताल तक जाती है।

इस नदी के बगल में बसडीला, मोतीपाकड़, अहिरौली कुसम्ही, सिधावे, परवरपार, कठघरही आदि गांव स्थित है। जिसे बकिया ड्रेन के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सफाई मनरेगा योजना के तहत कराया जाना है। जिसमें कराड़ों रुपये खर्च होने की सम्भावना है  नदी के कायाकल्प के साथ बरसात के पानी का बहाव तेज होगा तथा मनरेगा मजदूरों को काम भी मिलेगा।

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