हर्वल दवाओं के प्रयोग से समाप्त हो सकती है लाईलाज बीमारी- डा. सन्तोष
कुशीनगर । भगवान बुद्ध की परिनिवार्ण स्थली कुशीनगर में अब कोई लाईलाज बीमारी नही रह सकती। अब हर्वल दवाओं से इनके इलाज की रूप रेखा तैयार हो गयी है। यही नही एड्स, कैंसर, दिल के छेद जैसी बीमारियों की हर्वल दवा तैयार होने जारही है।
इन हर्वल दवाओं से एक माह में 30 से 40 प्रतिशत वायरल लोड़ कम हो जाते है एड्स ग्रसित रोगी जिनके वायरल लोड 100 से कम है और सी.डी.4 चार सौ से अधिक है तो वे तीन माह में शुन्य हो सकते है।
उपरोक्त बातों का दावा करने बाले कुशीनगर निवासी डा. सन्तोष कुमार पाण्डेय ने अपनी पेटेन्ट हर्वल दवा भरत के बाद अमेरिका सहित विश्व के 143 देशों में पेटेन्ट करने का आवेदन भेजा है।
जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उस पर निर्णय अभी नही हो सका। डा. सन्तोष कुमार बताते है कि अन्धाधुन्ध एन्टीबायोटिक्स दवाओं का प्रयोग पूरी तरह से विकसित प्रतिरोधी कोशिकाओं (टी सेल्स) तथा लाल रक्त कोशिकाओं को ज्यादा नुकशान पहुचाती है। जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और आने वाले समय में सारी दवायों का असर समाप्त हो जाता है।
इसको लेकर हमने कैंसर, एड्स, दिल के छेद जैसी बीमारियो के हर्वल दवा बायरल कील बनायी है जो इन बीमारियों से मुक्ति दिलायेगी।
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