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मल्लों के प्राचीन संस्थागार का अस्तीत्व खतरे में



कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में प्राचीन स्मारको का अस्तीत्व खतरे में है यही स्थिति रही तो बौद्ध कालीन मल्ल राजाओं के प्राचीन संस्थागार संरक्षण के अभाव समाप्त हो जायेगे। इसी तरह अनरूधवा गांव में प्राप्त प्राचीन स्मारकों का अस्तित्व समाप्त हो गया है ।

कुशीनगर स्थित थाई बुद्ध विहार के पीछे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा सन् 1876 की खुदाई के दौरान दक्षिण-पूर्व दिशा में मल्लों का संस्थागार प्राप्त हुआ था। यह वह स्थान है जहां मल्ल राजा मंत्री परिषद की बैठक करके आवश्यक निर्णय लिया करते थे।

आज से करीब ढ़ाई हजार वर्ष पूर्व जब भगवान बुद्ध कुशीनगर पहुंचे उस समय उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था। अपने बिगड़ते स्वास्थ्य को देख भगवान बुद्ध ने आनंद को निर्वाण की अनुमति लेने हेतु मल्ल राजा के पास भेजा था तब संस्थागार में मल्ल राजा आवश्यक मंत्रणा कर रहे थे। यह वही संस्थागार है।

खुदाई के बाद यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का एक बोर्ड भी लगा है जिस पर इसको नुकसान पहुंचाने पर दंड का प्राविधान अंकित है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना अंचल के अधीक्षण पुरातत्वविद् एस.के. मंजुल ने जून 2011 में इसके संरक्षण की योजना तैयार करने के लिए एक सर्वेयर भेजने का आश्वासन दिया था, पर स्थिति ऐसी रही कि कोई सर्वेयर आज तक कुशीनगर नही पहुंचा।

स्वतंत्रता दिवस को जिलाधिकारी कुशीनगर ने इस सम्बन्ध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से बात करने की बात कही थी लेकिन अभी तक कोई कार्य योजना धरती पर नही दिखायी दी।

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.................................TIMES OF KUSHINAGAR