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बांग्लादेश से मुस्लिम घुसपैठ असम के समस्या का मूल कारण





  
  • सरकारें मूल मुदे से हटा रही है ध्यान - डाॅ0 प्रवीण तोगडिया
नई दिल्लीं। एक महीने से असम जल रहा है। यह आग असम से लेकर पूरे भारत में फैली है 5 लाख भारत के नागरिक शरणार्थी बने है कुछ असम में और कुछ शेष भारत में, असम में रहने वाली जनजाति अन्य हिन्दू और गैर मुस्लिम हिंसा के शिकार है। केन्द्र और राज्य सरकारें यह समस्या का मूल बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठ है। पर वहां से ध्यान हटाकर पाकिस्तान से लेकर अनेक प्रश्न खडा कर रहे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या पूरे देश की है परन्तु असम के दुबरी, 74.3ः, बारपेटा,      59.4:, हेलाकंडी, 57.6:ए गोलपारा 53.7:ए करीमगंज 52.3:ए नौगांव 51ःए  मेरीगांव- 47.6:ए बोगाईगांव 38.5ःए काचा 36.1:ए दारांग- 305ःए  नलबारी 22.1ःए कोकराझार 20.4ःए पांच जिला बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण मुस्लिम बाहुल बन गये हैं।

पूरे देश में 3 करोड बांग्लादेशी घुसपैठी बस गये है। उन सबको देश से बाहर निकालने का युद्ध स्तरीय समयबद्ध एक्शन प्लान तुरन्त तैयार होना चाहिए। देश में नौकरियां, अन्न और सुविधा का अभाव है इसमें 3 करोड लोग और बेरोजगारी बढा रहे हैं इसके उपरान्त चोरी-डकैती और आतंकवादी घटनाओं में भी उनकी अहम भूमिका है। पूरे देश में फैले ये घुसपैठी और उनके समर्थकों के कारण ही पूरे देश में बसे हुए उŸार पूर्वांचल के हजारो लोगों को अपनी नौकरी, शिक्षा, मजदूरी छोडकर भागना पडा है। 1990 में कश्मीर घाटी के 3 लाख हिन्दुओं की शरणार्थी के बाद यह सबसे बडा पलायन है। मोबाइल या सोशल साइड पर अफवाहें की बात कोई नयी है। परन्तु बांग्लादेशी मुस्लिम वोट बैंक को ध्यान में रखकर उ.पू. के लोगों को घर-घर में जाकर घमकियां देने वाले लोगों को गिरफ्तार करके दण्डित करने का काम कितनी सरकारों ने किया है। 1951 के आधार पर नेशनल सिटीजन रजिस्ट्री तुरन्त तय करके सभी 3 करोड़ बांग्लादेशीयों को देश से निकालना चाहिए।
   
एक लाख के करीबन उ.पू0 के लोगों को अपनी शिक्षा नौकरी रोजगार छोडकर भागना पडा है। उŸार पूर्वांचल में अच्छी शिक्षा या नौकरी नहीं मिल रही है जिसके कारण ही वह शेष भारत में जाकर यह प्राप्त कर रहे थे। उनके साथ बांग्लादेशीयों के कारण जो व्यवहार हुआ है, उससे पूरा देश दःुखी है।

उ. पू0 के सभी छात्र मजदूर करने वाले उनको अपने शिक्षा और नौकरी के स्थान पर वापस पहुचाने की व्यवस्था की जाय और इसके लिए ट्रेन से लेकर सभी सुविधा प्रदान की जाय।
उ. पूर्व के सभी छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालय के कोर्स में समावेश करके उनके विशेष कोचिंग की व्यवस्था की जाए। उनकी फीस की व्यवस्था की जाए। उŸार पूर्वांचल के छात्र को विशेष स्कोलरशीप भी  दी जाए। उनके  होस्टल में रहने की व्यवसथा और सुरक्षा प्रदान की जाए।

यही नही नौकरी करने वाले लोगों के रहने की और सुरक्षा की व्यवस्था निश्चित की जाए।
उ0 पू0 के सभी लोगों को मदद करने के लिए भारत के सभी राज्यों में और जिलों तकहिन्दू हेल्प लाईन 24ग7 इस हेल्प लाईन के द्वारा हमने उ0पू0 के हजारों बन्धुओं को नागपुर, खड़गपुर, जलपाईगुडी, कोलकाता सहित देश में अनेक स्थानों पर फूट पैकेट और पानी की व्यवस्था की है। असम के कैम्पों में भी सहयोग दे रहे हैं। आज पांच हजार बच्चों के नये कपडे भी भेजे  गये हैं।

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