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कुशीनगर में कच्ची दारू को समाप्त करने का लोगो ने बनाया अभियान




कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में करीब दो सौ लोग कच्ची दारू के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। इसे हर हाल में समाप्त करने की ठान ये लोग एक पार्टी बनाकर इसे अपना अभियान बना लिये है।

ज्ञातव्य हो कि 28 अप्रैल 1998 को सेवरही कस्बे में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में 13 लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। हाटा कोतवाली के गांव बाघनाथ में होली के दिन कच्ची दारू पीने से सात लोग, खड्डा थाना क्षेत्र के मदनपुर सुकरौली में चार लोग, कप्तानगंज थाना क्षेत्र के अकटहां में पांच लोग, पडरौना कोतवाली क्षेत्र में आधा दर्जन लोग नशीली शराब पीने से मौत के मुंह में समा चुके हैं।

वही अहिरौली और कप्तानगंज थाना क्षेत्रों में कई महिलाएं विधवा हो गईं। हाटा कोतवाली के हरपुर मुंडेरा में एक लड़की के साथ बलात्कार करने की कोशिश में नाकाम होने पर शराबियों ने उसके पिता को मार डाला था। रामकोला थाना क्षेत्र में एक शराबी ने अपने बेटे को ही मौत के घाट उतार दिया।

जनपद के हाटा कोतवाली, कसया, अहिरौली बाजार, कप्तानगंज तथा खड्डा समेत कई थाना क्षेत्रों में कच्ची दारू बनाने और बेचने का धंधा जोरो पर चल रहा है। कप्तानगंज क्षेत्र के गांव गंभीरपुर धोबीटोला निवासी सुरेंद्र निषाद से शराब के चलते उजड़ते परिवारों की दुर्दशा देखी नहीं जा रही थी।

वर्ष 2005 में स्नातक करने के बाद वे भारतीय एकलव्य पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंह निषाद के संपर्क में आए। उनकी प्रेरणा से सुरेंद्र निषाद कच्ची दारू के खिलाफ जंग में कूद पड़े।आज इनके अभियान में तकरीबन दो सौ पुरुष और महिलाएं लगे शामिल हैं।

 जहां कहीं भी कच्ची शराब से छुटकारा दिलाने की आवाज उठती है, ये लोग अपने लाठी-डंडे के साथ भट्ठियां तोड़ने पहुंच जाते हैं। इसके चलते इन पर लूट के अलावा 09 अन्य मुकदमे दर्ज कराये जा चुके हैं।


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