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कुशीनगर में नही हो सकेगी आॅखों की शल्य चिकित्सा

कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में आॅखों की शल्य चिकित्सा कराना अब असम्भव हो गया है। इसके लिए नेत्र रोगियों को किसी अन्य शहर को चुनना होगा। जहां उनके आॅखों की  शल्य चिकित्सा हो सके।

कुशीनगर में आॅखों की शल्य चिकित्सा का हाल काफी खराब हो गया है। इस समय आंखों के शल्य चिकित्सा के लिए जिले के सरकारी अस्पतालों में एक भी सर्जन नहीं है।

ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर जनपद के पडरौना नगर में कभी पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय ही जिला चिकित्सालय के तर्ज पर कार्य किया करता था। जहां दो सर्जन डा. बीएन तिवारी और डा. केपी सिंह हुआ करते थेे। ये चिकित्सक नगर के पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय में आने वाले मरीजों के आंखों का इलाज करने के साथ-साथ आपरेशन भी किया करते थे। इसके अतिरिक्त ये कसया सीएचसी पर शिविर के माध्यम से आंखों का आपरेशन करते थे। एकसमय था कि जिला अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 50-60 मरीजो के आंखों हो जाता था। अकेले नगर के पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय में औसतन हर रोज करीब 30-35 मरीज के आखों की शल्य चिकित्सा होती रही।


कुछ साल पहले जिला चिकित्सालय चालु हो गया उसके बाद यह चिकित्सालय मात्र पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय बन कर रह गया। इधर इन दोनों चिकित्सकों का स्थानांतरण हो गया है। डा. बीएन तिवारी गोरखपुर चले गए जबकि डा. केपी सिंह का स्थानांतरण संतकबीरनगर जिले के लिए हो गया।

यही नही, संयुक्त जिला चिकित्सालय में कार्यरत नेत्र सर्जन डा. जमील अहमद अंसारी का भी स्थानांतरण हो गया है। डा. अंसारी चार फरवरी 2011 से ही यहां तैनात थे। इनके स्थानांतरण के बाद जिला अस्पताल में भी आंखों के आपरेशन के साथ-साथ इलाज की समस्या उत्पन्न हो गई है।

अब समस्या यह है कि आंखों के इलाज और आपरेशन के लिए न तो कोई सर्जन पुरुष एवं नेत्र चिकित्सालय पर बचा है, न ही संयुक्त जिला चिकित्सालय में। ऐसे में आंखों का शल्य चिकित्सा का हो पाना नामुमकिन हो गया।

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