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कुशीनगर में हस्ताक्षर पंजिका पर छात्रों के हस्ताक्षर ने खोला पोल


  •     जिलाधिकारी की योजना ने रंग दिखाया
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में परिषदीय विद्यालयों में उपस्थिति पंजिका पर छात्रों के हस्ताक्षर ने सभी योजना को पोल खोल दी। जिलाधिकारी ने एक बार फिर परिषदीय विद्यालयों में हो रही लीपा पोती को खत्म करने का प्रयास किया और उनका यह निणर्य एक योजना बन गयी है। यही नही इसके साथ सारी सच्चाई भी सामने आने लगी है।

परिषदीय विद्याालयों में योजनाओं को लेकर हो रही लीपा पोती को घ्यान में रखते हुए परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं से ही हाजिरी बनवा से जिला प्रशासन ने अंदाजा लगा लिया है कि हाजिरी बढ़ाकर अब तक विभिन्न योजनाओं में किसा प्रकार लीपापोती होती रहीं।
एक नजर इस वर्ष जुलाई माह की ही छात्रों की उपस्थिति पिछले वर्ष की जुलाई से अगर मिला दिया जाय तो करीब तीस फीसदी कम उपस्थिति दर्ज हुयी है।

 
जिलाधिकारी ने एक योजना बनाकर जिले पर इसका प्रयोग किया और मंशा के अनुरूप् सफलता भी मिली। इय योजना के तहत वर्ष जुलाई माह से ही जिले के सभी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में छात्र उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया। कक्षा एक व दो के छात्रों की हाजिरी शिक्षकों के जिम्मे रही, तो कक्षा तीन व चार के छात्रों से उपस्थिति रजिस्टर पर हिंदी में दस्तखत बनाने की शुरुआत की गई।
 
कक्षा पांच से आठ के छात्र-छात्राओं से रजिस्टर पर अंग्रेजी में हस्ताक्षर बनवाया गया। अभियान की शुरुआत में जिम्मेदार लोगों ने भी यही सोचा कि यह जिला प्रशासन एक सामान्य कड़ाई के क्रम में कर रहा है, लेकिन यह योजना एक सच्चाई जानने के लिए गोपनीय तरीके से चलायी गयी और इसकी किसी को भनक तक नही लगी।
 
अब जुलाई बीतने के बाद यह गोपनीयता सार्वजनिक हो गई है। योजना के तहत उपस्थिति को शिक्षक व प्रधानाचार्य से प्रमाणित कराने के बाद स्कुल प्रभारी से प्रमाणित कराया गया। दिनवार उपस्थिति की रिपोर्ट संबंधित एबीएसए के पास पहुची होगी और पूरे जिले की कंपाइल रिपोर्ट बीएसए कार्यालय तैयार करायेगा। अलग-अलग राइटिंग व कई चरणों की मानीटरिंग के बाद वास्तविक छात्र संख्या की स्थिति सामने आने लगी है।

जानकारी के अनुसार पिछले जुलाई माह की अपेक्षा इस वर्ष जुलाई 2012 में जिले में करीब तीस फीसदी छात्र उपस्थिति कम होने की रिपोर्ट मिलने की पूरी उम्मीद है। जिला प्रशासन को भी शुरुआती फीडबैक मिल गया है और यह माना जाने लगा है कि छात्रवृत्ति, मिड डे मील, ड्रेस व किताबों में लीपापोती जरूर हुई होंगी।

 बताया जाता है कि बृहस्पतिवार यानि 9 अगस्त तक स्कुल प्रभारी अपनी रिपोर्ट बीएसए को दे देगें और 20 अगस्त तक पूरे जिले का डाटा तैयार करा लिया जाएगा। बहुत संभव है कि 25 अगस्त तक जिले की रिपोर्ट शासन को भेज दी जाय। इसके बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में चलाने की सिफारिश भी होने वाली है। इसके बाद कुशीनगर जिला इस योजना में रोल माडल बन जाएगा। हालाकि एडी बेसिक गोरखपुर ने जिले के दौरे के दौरान इस योजना को काफी पसंद किया और ऊपर प्रस्ताव भेजने की बात कही है।   

इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी आर सैम्फिल ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में सरकार की ओर से तमाम सुविधाएं दी जाती हैं। छात्रसंख्या अधिक दिखाकर इन योजनाओं में गड़बड़ी न हो, इसके लिए जुलाई माह में अभियान शुरू किया गया। अभी रिपोर्ट तो नहीं मिल सकी है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि पिछले जुलाई से इस जुलाई में छात्र संख्या में औसतन तीस प्रतिशत की कमी आएगी। इस स्थिति से शासन को अवगत करा दिया जाएगा। यह अभियान अन्य जिलों में चलेगा तो कुशीनगर जिला इस मामले में रोल माडल बन जाएगा।

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