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शातिर उद्योगपति के फर्जीवाड़े के खुलासे की मांग शिव वसेना ने डीएम को दिया ज्ञापन


  • आयकर व व्यापार कर विभाग को लगाया करोड़ों का चूना
  • बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से दर्जनों लिमिट चालू
  • काले धन को सफेद करने के लिए खोला एमको बैंक
मुजफ्फरनगर। षिवसेना कार्यकर्ताओं ने डीएम सुरेन्द्र सिंह को ज्ञापन देकर बताया कि नई मंडी की फर्म हरद्वारी लाल मनोहर लाल के कर्ता धर्ता योगेन्द्र कुमार नामक उद्योगपति ने फर्जी कागजातों के जरिए कई बैंकों से सैंकड़ों करोड़ रूपये की लिमिट बनवाकर आयकर व व्यापार कर विभाग को करोड़ों रूपये का चूना लगा दिया है। उक्त उद्योगपति ने कई फैक्ट्रियां कागजों में ही दर्षा रखी हैं।
शिव सेना के सहारनपुर मंडल प्रमुख मनोज सैनी ने डीएम से उक्त उद्योगपति के गोलमाल की जांच करके कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। षिवसेना नेताओं के अनुसार उक्त मामला हजारों करोड़ रूपये गबन का है। षिवसेना नेताआंे के अनुसार काले धन को सफेद करने के लिए इसने एमको बैंक की स्थापना भी कर रखी है।

शिव सेना नेताओं ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्षन करते हुए बताया कि उक्त उद्योगपति ने एक बड़ा ग्रुप बनाकर बेनामी कारोबार के जरिए आयकर व व्यापार कर विभाग को करोड़ों रूपये की चपत लगाई है। उक्त कम्पनियों केवल कागजों में चल रही हैं। इन फर्जी कम्पनियों के द्वारा कोयले व अन्य चीजों की खरीद फरोख्त को दिखाया जा रहा है तथा जिन बिलों के जरिए खरीद फरोख्त दिखाकर बैंकों में जमा कराये गये हैं वे बिल कतई फर्जी व जाली हैं।

 शिव सेना नेताओं के अनुसर बैंक अधिकारी भी इस फर्जीवाडे़ में शामिल हैं। उक्त उद्योगपति द्वारा एचएम गु्रप के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक से तीन लिमिट स्वीकृत करा ली जिनमें एचएम कमोडिटी प्रा. लि. व दुरंग स्टील में डायरेक्टर उक्त उद्योगपति योगेन्द्र कुमार गर्ग है। उक्त उद्योगपति जगह जगह अपने नाम व पते बदल बदल कर सारा खेल खेल रह रहा है। इसके अलवा योगेन्द्र कुमार गर्ग द्वारा हैदराबाद में लगाई तिरूपति उद्योग लि. जो पिछले दो सालों से बंद है उस पर पंजाब नेषनल बैंक नई मंडी व अन्य बैंकों से लिमिट बनवा रखी है। इसी कम्पनी में योगेन्द्र गर्ग के पूर्व पार्टनर विजय कुमार जैन द्वारा हैदराबा के बंजारा हिल्स थाने में 700 करोड़ की अवैध ट्रंाजेक्षन किये जाने का मुकदमा 420, 506, 120-बी आईपीसी के तहत योगेन्द्र कुमार गर्ग के खिलाफ दर्ज है। 

इसी तरह अमृत वर्षा प्रा. लि. का भी डायरेक्टर योगेन्द्र गर्ग है। इस कम्पनी का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इस कम्पनी के नाम पर भी नई मंडी स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा से 50 करोड़ रूपये व नई मंडी के ही ओरियंटल बैंक आॅफ कामर्स से 80 करोड़ रूपये की लिमिट बनवा रखी है। बंद पड़ी कम्पनी पर 130 करोड़ रूपये की लिमिट किस आधार पर स्वीकृत की गई। षिवसेना नेताओं ने जिलाधिकारी से कहा कि जब आयकर व व्यापार कर विभाग छोटे छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न करने में लगा रहता है तो उसने अरबों रूपये के गोलमाल में चुप्पी क्यों साध रखी है। षिवसेना नेताओं ने आय कर व व्यापार कर के वरिष्ठ अधिकारियों से भी उक्त उद्योगपति के काले कारनामों की जांच करने की मांग की है।
 
उल्लेखनीय है कि लगभग तीन माह पूर्व जब एक पत्रकार ने उक्त उद्योगपति के काले कारनामों का भंडाफोड़ किया था तो उसने नई मंडी पुलिस से मिलकर उक्त पत्रकार को रंगदारी के केस में जेल भिजवा दिया था। चर्चा है कि उक्त उद्योगपति के पुत्र ने विदेषों में भी अपने खातों में उक्त एमको बैंक से करोड़ों का ट्रांजेक्षन किया है।
 
डीएम को ज्ञापन देने वालों में आनन्द प्रकाष गोयल, रामषरण विष्वकर्मा, नरेन्द्र पंवार, पंकज भारद्वाज, शैलेन्द्र शर्मा, देवेन्द्र चैहान, राजन वर्मा, अनुज चैधरी, भुवन मिश्रा, चेतनदेव आर्य, सचिन प्रजापति, मनोज पाल, सोनू सैनी, कलीराम अग्रवाल, सतीष वर्मा, संजीव वर्मा आदि शामिल रहे।

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